Bihar Crime News: भागलपुर पुलिस ने 14 वर्षों से फरार चल रहे इनामी अपराधी बबरगंज थाना क्षेत्र के मोगलपुर हुसैनाबाद निवासी शातिर टिंकू मियां उर्फ मो तालिको गिरफ्तार कर लिया है. जिले के टॉप टेन वांटेड अपराधियों की सूची में शीर्ष पर रहे टिंकू मियां को पुलिस ने बंगाल के बीरभूम जिले से गिरफ्तार किया है. कुछ दिन पूर्व ही टिंकू का बेटा मो आदिल भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है. वह भी भागलपुर पुलिस की टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल रहा है. टिंकू मियां कुख्यात अपराधी फेकू मियां का बेटा है.
2019 में पुलिस ने की थी इनाम की घोषणा
2019 में भागलपुर पुलिस ने कुख्यात फेंकू मियां के बेटे टिंकू मियां के विरुद्ध 25 हजार के इनाम की घोषणा की थी. भागलपुर के एसएसपी आनंद कुमार ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि टिंकू मियां कोलकाता से सड़क मार्ग से भागलपुर आनेवाला है. सिटी एसपी अमित रंजन की निगरानी व डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने टिंकू मियां को कोलकाता से भागलपुर आते वक्त गिरफ्तार कर लिया. एसएसपी ने बताया कि टिंकू मियां दो हत्या, एक हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट के तीन, विस्फोटक अधिनियम कांड और मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र में 19 जुलाई 2021 को हुए गर्भवती काजल हत्याकांड के मामले में वांछित था.
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हमेशा ठिकाना बदल रहा था टिंकू
एसएसपी ने बताया कि पूर्व में सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गयी थी. पिछले दिनों टिंकू मियां के कई ठिकाने पर लगातार छापेमारी की जा रही थी. वह हमेशा अपना ठिकाना बदल रहा था. टिंकू मियां के खौफ की वजह से उसकी सूचना देने से हर कोई बचता था.
मजार पर चादर चढ़ाने पहुंचा था..
भागलपुर पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर लगातार टिंकू पर नजर बनाये हुए थी. टिंकू बंगाल के बीरभूम जिले के पाथरचुपरी स्थित एक प्रसिद्ध मजार पर चादर चढ़ाने पहुंचा था. वहीं एक लॉज में रुका था. पुलिस ने उसे वहीं दबोच लिया. हालांकि, उसके साथी मौके से फरार हो गये. पिता फेंकू मियां की मृत्यु के बाद से डेढ़ दशक से टिंकू की सक्रियता काफी बढ़ गयी थी. 2017 में भागलपुर पुलिस ने टिंकू को बंगाल से गिरफ्तार किया था. तब ट्रांजिट रिमांड के लिए भागलपुर पुलिस ने उसे कोलकाता कोर्ट में प्रस्तुत किया था. वहां की अदालत ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह 2018 के जनवरी में भागलपुर कोर्ट में प्रस्तुत होगा, लेकिन टिंकू कोलकाता कोर्ट से ही फरार हो गया था.
लॉज मैनेजर को डीएसपी ने सटाया पिस्टल तो टिंकू का कमरा बताया..
टिंकू मियां की गिरफ्तारी से भागलपुर पुलिस और यहां के आम लोगों ने राहत की सांस ली है. एक तरफ जहां भागलपुर पुलिस उसकी गिरफ्तारी भागलपुर में बता रही है वहीं बताया जाता है कि उसे बंगाल से पकड़ा गया है. इधर टिंकू की गिरफ्तारी में शामिल एक सिपाही ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विधि व्यवस्था डीएसपी डॉ गौरव टिंकू मियां के पीछे पिछले छह माह से पड़े हुए थे. उसके मोबाइल लोकेशन से उसपर नजर रखे थे. इस दौरान पता चला कि टिंकू मियां अपने पुराने ठिकाने बंगाल के मेटिया बुर्ज से चलकर बंगाल के ही बीरभूम के सूरी थानाक्षेत्र के पाथरचुपरी पहुंचा है. वहां एक लॉज में रुका है. डीएसपी गौरव टीम के साथ वहां पहुंच गये. पुलिस के एक आदमी को उन्होंने लॉज के आसपास लगा रखा था.सूत्र ने बताया कि शुक्रवार रात को 8 बजे तक टिंकू बेफिक्र होकर लॉज के बाहर घूमता फिरता रहा.उसने गांजा पिया. रात को करीब दस बजे लॉज के अंदर घूसा तो पुलिस ने धाबा बोल दिया. टिंकू की गिरफ्तारी में शामिल सिपाही की मानें तो पुलिस ने लॉज डएसपी गौरव ने लॉज के मैनेजर को उठाया ओर पिस्टल सटा कर बोला कि हमलोग पुलिस हैं एक अपराधी यहां ठहरा है उसका पता बताओ. मैनेजर ने फोटो देखते ही पहचान लिया. टिंकू मियां लॉज के 10 नंबर कमरे में ठहरा था .वहां मैनेजर के साथ पुलिस पहुंची और दरवाजा खटखटाया. जैसे ही उसने दरवाजा खोला पुलिस ने धर दबोचा. टिंकू ने काफी आरजू मिन्नत की पर पुलिस ने उसे संभलने का मौका नहीं दिया.
इधर चल रही थी छापेमारी, उधर टिंकू सोशल मीडिया पर कर रहा था पुलिस की तारीफ
टिंकू मियां पिछले कई वर्षों से पुलिस के टॉप टारगेट पर था. हर बार पुलिस को चकमा दे कर भाग जाना उसके बाएं हाथ का खेल था. एक तरफ भागलपुर पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेकारी कर रही थी तो दूसरी तरफ टिंकू मियां सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से पुलिस की तारीफ कर रहा था. वह खुद को कानून का सम्मान करने वाला बता रहा था और उसे साजिश की तरह फंसाये जाने की बात कह रहा था.