Bhanu Saptami 2023: अगले सप्ताह रखा जाएगा  भानु सप्तमी व्रत, जानें इसकी डेट, पूजा का मुहूर्त और महत्व

Bhanu Saptami 2023: इस बार 25 जून को भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा. वहीं रविवार का दिन होने के कारण इस साल लोगों दोगुने लाभ की प्राप्ति होगी. आइए जानते हैं इस साल भानु सप्तमी की पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व.

By Shaurya Punj | June 22, 2023 8:00 AM

Bhanu Saptami 2023:  भानु सप्तमी के दिन विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करने वालों को धन, दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना गया है कि भानु सप्तमी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और सभी प्रकार की बीमारियां दूर रहती हैं. इस बार 25 जून को भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा. वहीं रविवार का दिन होने के कारण इस साल लोगों दोगुने लाभ की प्राप्ति होगी. आइए जानते हैं इस साल भानु सप्तमी की पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व.

भानु सप्तमी 2023 डेट (Bhanu Saptami 2023 Date)

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 25 फरवरी 2023 को है. इसी दिन भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक, आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है.

भानु सप्तमी महत्व (Bhanu Saptami Significance)

भानु सप्तमी के शुभ संयोग में सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने से जीवन में चल रहे संकट कम होते हैं. वंश वृद्धि के लिए  सूर्य की उपासना बहुत लाभकारी मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य को जल में लाल चंदन डालकर अर्घ्य देने से गंभीर रोग भी समाप्त हो जाते हैं. कुंडली में मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है.

भानु सप्तमी के दिन क्या करें

  1. भानु सप्ती के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने का विधान है.

  2. संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करने और फिर सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए.

  3. सूर्य की शुभ किरणों का स्वागत करने के लिए घर के प्रवेश द्वार के सामने रंगोली बनाने औैर रंगोली के बीच में, गाय के गोबर को जलाने की परंपरा है.

  4. मिट्टी के बर्तन में दूध उबालकर सूर्य की ओर रखा जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जब दूध उबल रहा होता है तो वह सूर्य तक पहुंच जाता है.

  5. इसके बाद खीर तैयार की जाती है, जो अनाज और गेहूं के बारह ढेर से बनी होती है. उसी को प्रसाद के रूप में सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है.

  6. फिर ब्राह्मणों को दान दिया जाता है क्योंकि यह शुभ फल देने वाला माना जाता है.

भानु सप्तमी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठने और पवित्र नदी में स्नान करने करने की परंपरा है. ऐसा संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करना चाहिए.

  • स्नान के दौरान अक्का और हल्दी के कुछ पत्तों को सिर पर रखा जाता है, जिस पर पानी डाला जाता है.

  • इसके बाद, जातक वेदी पर सूर्य यंत्र लगाते हैं.

  • उसके बाद भगवान सूर्य को फूल, प्रसाद और जल चढ़ाया जाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि  prabhatkhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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