केंद्र सरकार की भारत नेट परियोजना गढ़वा में फेल, 185 पंचायतों में पहुंचने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के तहत भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लि. (बीबीएनएल) के माध्यम से पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम किया गया. बीबीएनएल की ओर से 31 दिसंबर 2022 तक की जारी रिपोर्ट के अनुसार गढ़वा के 20 प्रखंडों के 185 ग्राम पंचायतों में नेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है
गढ़वा, विनोद पाठक/मुकेश तिवारी:
झारखंड के 4356 ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से शुरू की गयी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारत नेट परियोजना का कार्य गढ़वा जिले में दिसंबर-2022 में पूरा कर लिया गया. जिले की किल 189 पंचायतों में से 185 में इसकी सर्विस पहुंचा दी गयी है. बड़गड़ के मदगड़ी (च) सहित चार पंचायतों में ही सर्विस पहुंचाने का काम अबतक अधूरा है.
लेकिन 185 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क तैयार होने के बावजूद इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लि. (बीबीएनएल) के माध्यम से पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम किया गया.
बीबीएनएल की ओर से 31 दिसंबर 2022 तक की जारी रिपोर्ट के अनुसार गढ़वा जिले के 20 प्रखंडों के 185 ग्राम पंचायतों में नेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है. इसके अलावे 20 प्रखंड कार्यालयों में भी इसकी सेवा शुरू कर दी गयी है. लेकिन पंचायतों में की गयी पड़ताल से पता चला कि पंचायत भवनों में सिर्फ बॉक्स लगाकर छोड़ देने से पंचायतों को डिजिटल बनाने का सपना 10 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका है.
क्या है भारत नेट सेवा :
भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में ब्रॉड बैंड कार्यक्रम शुरू किया था. इसके तहत देश भर के 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में 100 एमबीपीएस की स्पीड से नेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है. राज्य के सभी जिले में इस योजना को पूरा करने के लिए दो चरणों मे काम कराया गया है. दूसरे चरण के कार्य में गढ़वा जिले के 189 पंचायतों में नेट कनेक्टिविटी का कार्य किया गया.
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत ई हेल्थ, ई गवर्नेस, ई एजुकेशन के अंतर्गत स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राशन दुकान सहित डाकघर से संबंधित सेवाएं पंचायत स्तर पर इंटरनेट के माध्यम से दी जानी है. इसके लिए सभी पंचायतों में प्रज्ञा केंद्र खोले जाने हैं. पर जिले की 50 फीसदी पंचायतों में अभी तक प्रज्ञा केंद्र ही नहीं हैं. शहर से सटी पंचायतों के प्रज्ञा केंद्र में ही ई-गवर्नेंस के तहत प्रमाण पत्र बनाने सहित अन्य सरकारी सेवाएं आंशिक रूप से ही मिल रही है. भारत सरकार ने ब्रॉड बैंड पर आधारित इस योजना का नाम वर्ष 2015 में भारत नेट रखा है.
ग्रामीणों को भारत नेट सर्विस की जानकारी नहीं
रमकंडा प्रखंड की सात पंचायतों में भी फाइबर अॉप्टिकल बिछा दिया गया है. लेकिन ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों को इस योजना की जानकारी भी नहीं है. उदयपुर पंचायत की मुखिया शकुंतला देवी ने कहा कि पंचायत भवन में लगी इन मशीनों का क्या काम है. इसकी उन्हें जानकारी नही दी गयी है. हरहे पंचायत के मुखिया श्रवण प्रसाद ने बताया कि इस सेवा का उपयोग नही हो रहा है. यही स्थिति बलिगढ़ पंचायत में भी है. मुखिया विनोद प्रसाद ने कहा कि इसके उपयोग के बारे में कोई जानकारी नही दी गयी है.
सर्विस पहुंचने के बाद भी नहीं हो पा रहा है उपयोग
भंडरिया प्रखंड कार्यालय सहित छह पंचायत भवनों तक भारत नेट की सर्विस पहुंचा दी गयी है. लेकिन इसका लाभ प्रखंड के लोगों को नही मिल रहा है. आज भी संबंधित पंचायतों के लोगों को विभिन्न ऑनलाइन कार्यों के लिए प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है.
पंचायत सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि भारत नेट सेवा का अभी कोई काम नहीं हो रहा है. इसी तरह जेनवा पंचायत की मुखिया प्रवंता देवी तथा करचाली पंचायत की मुखिया मोनिका खलखो ने बताया कि हमारे पंचायत में भारत नेट सर्विस लगा हुआ है. लेकिन इसका उपयोग नही हो रहा है.
नेट सर्विस से नहीं हो रहा है काम
बड़गड़ : प्रखंड की परसवार पंचायत में लगे भारत नेट की सर्विस का कोई उपयोग नही हो रहा है. मुखिया जंगलपति लकड़ा ने बताया कि इससे जुड़े अधिकारी कभी-कभी पंचायत भवन में आकर मशीनों की जांच कर चले जाते हैं. लेकिन इस नेट सर्विस से कोई काम नहीं हो रहा है.