निर्देशक अनुभव सिन्हा ने अपनी आनेवाली फिल्म भीड़ में कोरोना काल के दौरान देश में लगे लॉकडाउन, लोगों को मीलों पैदल चलने से लेकर उनकी बेबसी को दर्शाने की कोशिश की है. हाल ही में इसका ट्रेलर जारी किया गया. कईयों ने इस कोशिश की सराहना की तो कुछ लोगों ने दावा किया कि यह महामारी के नकारात्मक पक्ष को दर्शाता है. अब अब अनुभव सिन्हा ने लेटेस्ट इंटरव्यू में खुलासा किया है कि आखिर ट्रेलर से पीएम मोदी की आवाज क्यों हटाई गई.
इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में अनुभव सिन्हा ने पीएम मोदी के वॉयस ओवर को हटाने के बारे में कहा, “हर फिल्म इस तरह की विभिन्न चुनौतियों से गुजरती है. थप्पड़ में मैं अमृता प्रीतम की कविता का इस्तेमाल करना चाहता था. मैं फिल्म रिलीज से एक दिन पहले इसका इस्तेमाल नहीं कर सका, मुझे इसे बदलना पड़ा.”
उन्होंने आगे कहा कि, इससे किसी को फर्क नहीं पड़ता, क्यों? क्या तुमने मुझसे पूछा? मुझे रातों-रात एक कविता लिखनी पड़ी, पंजाबी लिप सिंक के साथ सिंक. मैं दिल्ली में था, कुमुद मिश्रा मुंबई से इसकी डबिंग कर रहे थे. पंजाबी में अमृता प्रीतम के लिप सिंक की बराबरी करने के लिए मुझे एक कविता लिखनी पड़ी! चलिए बात करते हैं भीड की कहानी की. मैं लोगों को भीड़ की कहानी से विचलित नहीं करना चाहता, क्योंकि यह अधिक दिलचस्प है.
दरअसल भीड़ का ट्रेलर जारी होने के कुछ दिन बाद ही इसे लेकर विवाद शुरू हो गया था. इसकी शुरुआत पीएम मोदी की आवाज से हुई थी. इसके बाद ट्रेलर को यूट्यूब से हटा दिया गया. बाद में जब दोबारा वीडियो अपलोड किया गया तो उसमें पीएम मोदी की आवाज गायब थी. इसे लेकर लगातार बवाल जारी है.
उनकी फिल्म को एंटी नेशनल भी बताया जा रहा है. इस बारे में अनुभव सिन्हा ने कहा, ‘हां मैंने पहले सुना है कि मैं देशद्रोही हूं. मैं अपनी अधिकांश फिल्मों के लिए सुनता हूं. लेकिन इससे मुझे कोई हैरानी नहीं है. मैं भारत से प्यार करता हूं, मैं भारत के मूल विचार से प्यार करता हूं. जो कोई भी मुझसे ज्यादा भारत को प्यार करता है, मैं उसका सम्मान करता हूं.
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‘भीड़’ में राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर, दीया मिर्जा, पंकज कपूर, आशुतोष राणा, कृतिका कामरा और कुमुद मिश्रा हैं. यह फिल्म 24 मार्च को रिलीज होने वाली है.