गोरखपुरः राप्ती नदी में नहाने गया भोलू डूबा, बचाने गए दो किशोर भी डूबे, एक का शव बरामद, रेस्क्यू जारी
गोरखपुर डीएम ने मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बताया जा रहा है कि बसंतपुर निवासी हंस और उल्लू रविवार की दोपहर तकिया घाट पर नहाने गए थें. गहरे पानी में जाने की वजह से भोलू नदी में डूबने लगा.
गोरखपुरः राप्ती नदी की तकिया घाट पर रविवार को दो बालक नहाने गए. जिसमें बसंतपुर के घसियारी निवासी 8 वर्षीय भोलू नदी में डूबने लगा. इसे बचाने गए दो किशोर भी पानी में डूब गए. एसडीआरएफ की टीम ने शाम को भोलू के शव को बरामद किया. लेकिन उसे बचाने गए दोनों किशोर अभी भी लापता हैं. एसडीआरएफ की टीम देर रात तक उनकी तलाश करती रही. सोमवार की सुबह से एसडीआरएफ की टीम फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है.
डीएम ने की मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए देने की घोषणा
डीएम ने मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बताया जा रहा है कि बसंतपुर निवासी हंस और उल्लू रविवार की दोपहर 1:00 से 2:00 के बीच रात्रि नदी की तकिया घाट पर नदी में नहाने गए थें. गहरे पानी में जाने की वजह से भोलू नदी में डूबने लगा. जिसे बचाने के लिए उसका साथी अंस उसके गले में पूरे धागे को पकड़कर खींचने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहा. जिसके बाद वह नदी के बाहर आया और घाट पर खड़े गोविंद और सैफ को इसकी जानकारी दी.
घटनास्थल पर प्रशासन और पुलिस की टीम मौजूद
जिसके बाद दोनों उसे बचाने के लिए नदी में कूद गए. भोलू के पास पहुंचने पर वो दोनों भी नदी में डूबने लगें. तीनों के डूबने पर अंश ने इसकी सूचना भोलू के घर पर दी. सूचना पर मौके पर पहुंचीं एसडीआरएफ की टीम ने भोलू के शव को लगभग 4 बजे बरामद किया. लेकिन गोविंद और सैफ की तलाश के लिए अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. पुलिस ने घाट पर खड़ी गाड़ी के नंबर के आधार पर गोविंद और सैफ कि घर पर इसकी सूचना दी. घटनास्थल पर प्रशासन और पुलिस की टीम मौजूद है.
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परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
बताया जा रहा है कि मृतक भोलू तीन भाई बहन में दूसरे नंबर पर था. वह अपने मौसी के घर पर ही रहता था रविवार की सुबह 9:00 बजे बगल में स्थित मौसी इंद्रावती के घर गया था. वहीं नदी में डूबे गोविंद और सैफ दोनों ही एक साथ रहते थें. कही भी उन्हें जाना होता था तो एक साथ जाते थे. गोविंद के पिता राजगीर हैं और सैफ के पिता गाड़ी चलाते हैं. तीनों घरों में नदी में डूबने पर कोहराम मचा हुआ है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर