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झारखंड में 1932 के खतियान आंदोलन को Wall Painting से धार देने वाले महावीर महतो को कितना जानते हैं आप

Jharkhand News: चित्रकार महावीर महतो झारखंड के धनबाद जिले के कार्पूरिया बांधडीह गांव के रहने वाले हैं. चित्रकारी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (यूपी) से स्नातक पास करने के बावजूद वे प्राइवेट सेक्टर में लाखों का पैकेज छोड़कर अपनी चित्रकारी के माध्यम से झारखंडी संस्कृति से रू-ब-रू करवा रहे हैं.

Jharkhand News: वॉल पेंटिंग से एक शख्स झारखंड में 1932 के खतियान के आंदोलन को धार देने के साथ-साथ कला-संस्कृति से भी लोगों को जागरूक कर रहा है. बीएचयू से पेंटिंग में ग्रेजुएट इस शख्स का नाम महावीर महतो है. झारखंड में 1932 के खतियान के आंदोलन से प्रेरित होकर वे चित्रकारी कर रहे हैं. गिरिडीह जिले के बगोदर के खेतको उच्च विद्यालय की चाहरदीवारी पर झारखंड की कला-संस्कृति की झलक का श्रेय इन्हें जाता है. पेंटिंग के जरिए ये लोगों को झारखंडी कला-संस्कृति से रू-ब-रू करा रहे हैं.

बीएचयू से पेंटिंग में स्नातक हैं महावीर

चित्रकार महावीर महतो झारखंड के धनबाद जिले के कार्पूरिया बांधडीह गांव के रहने वाले हैं. चित्रकारी (पेंटिंग) में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (यूपी) से स्नातक पास करने के बावजूद वे प्राइवेट सेक्टर में लाखों का पैकेज छोड़कर झारखंडवासियों को अपनी चित्रकारी के माध्यम से झारखंडी संस्कृति से रू-ब-रू करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड में भाषा आंदोलन से प्रेरित होकर जनजागृति को लेकर चित्रकारी को ही अपना हथियार बना लिया है. अपनी चित्रकारी के माध्यम से झारखंड के कई जिलों में झारखंडी संस्कृति एवं झारखंड के महापुरुषों के चित्र व उनके संदेशों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

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वॉल पेंटिंग से जनजागृति

महावीर महतो की पेंटिंग और जनजागृति को लेकर भी लोग काफी खुश हैं. लोग उनकी कला को पसंद कर रहे हैं. युवा इनसे प्रेरणा ले रहे हैं. प्रभात खबर डॉट कॉम से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि भाषा व 1932 के खतियान लागू करने को लेकर आंदोलन से वे प्रेरित हुए. दीवारों में की गयी चित्रकारी में करम परब, भोगता परब, टुसू परब, विनोद बिहारी महतो, पढ़ो और लड़ो, 1932 खतियान, हल, बैलगाड़ी, शेर, तीर-धनुष, खेती करती महिला का चित्र बनाया गया है.

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संस्कृति से जुड़े रहने की अपील

महावीर महतो ने कहा कि झारखंड के धनबाद, बोकारो, रांची के बाद गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के खेतको पहुंचे हैं. उच्च विद्यालय खेतको के विद्यालय की चहारदीवारी में चित्रकारी कर रहे हैं, ताकि इस क्षेत्र के लोग भी झारखंड की संस्कृति व झारखंड के महापुरुषों के बारे में जानें. इस कार्य के लिए इन्हें स्थानीय लोगों ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. आपको बता दें कि ये नि:स्वार्थ भाव से झारखंड के गांवों में चित्रकारी के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बगोदर के बेको स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल के छात्रों और निदेशक नवीन कुमार ने उन्हें बुके और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया. इस मौके पर महावीर महतो ने बच्चों से झारखंड की संस्कृति से जुड़े रहने की बात कही.

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रिपोर्ट : कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह

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