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बीएचयू ने की नयी पहल, शिक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों के लिए शुरू की ब्याज मुक्त ऋण योजना

शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के आरम्भ की गई इस योजना के तहत काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे उन छात्रों की मदद के लिए वित्तीय सहायता ऋण योजना आरंभ की है, जो आर्थिक स्थिति के कारण विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए चुनौतियों का सामना करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2022 4:40 PM

Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने शिक्षा के स्तर पर नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए उन शिक्षार्थियों को एक नया मौका देने की पहल की है, जो आर्थिक समस्या की वजह से बीएचयू में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. दरअसल, ऐसे ज़रूरतमंद विद्यार्थियों के लिए बीएचयू ने ऋण योजना के तहत वित्तीय सहायता आरम्भ की है. इसके अंतर्गत पात्र विद्यार्थियों को वार्षिक 12 हजार रुपये की धनराशि मिलेगी. इस योजना को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने ब्याज मुक्त ऋण का नाम दिया है. इसका उद्देश्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ज़रूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखना है.

जैसे ही अभ्यर्थी की शिक्षा पूर्ण होगी, उसे रोजगार पाने पर दो वर्ष में किश्तों की राशि लौटानी होगी. फिलहाल 1000 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा, जिसके लिए तकरीबन 200 आवेदन आए हैं और इनमें से 103 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है.

शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के आरम्भ की गई इस योजना के तहत काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे उन छात्रों की मदद के लिए वित्तीय सहायता ऋण योजना आरंभ की है, जो आर्थिक स्थिति के कारण विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए चुनौतियों का सामना करते हैं. इस योजना के अंतर्गत ऐसे विद्यार्थी, जिनकी पारिवारिक आय गरीबी रेखा से कम है अथवा जिन्होंने अपने उस अभिभावक/अभिभावकों को कोविड या अन्य किसी कारण से खो दिया हो, जिनकी कमाई पर वे निर्भर हों, 12000 रुपये वार्षिक की आर्थिक मदद पा सकेंगे. ताकि वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में निर्बाध रूप से अपनी शिक्षा पूरी कर सकें. इस योजना के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के पक्ष में विश्वविद्यालय के दो संकाय सदस्यों की अनुशंसा भी अनिवार्य होगी.

बीएचयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने इस योजना को अमल में लाकर उन अभ्यर्थियों के सपनों को साकार किया है, जो योग्यता से परिपूर्ण होने के बावजूद आर्थिक अभाव की वजह से महामना की बगिया के फूल बनने से वंचित रह जाते हैं. यह वित्तीय सहायता ऋण योजना विश्वविद्यालय की इसी प्रतिबद्धता का मूर्त रूप है. भले ही यह एक ऋण के रूप में अभ्यर्थियों को दी जा रही हैं, परंतु इसका उद्देश्य यही है कि छात्र को शिक्षा पूर्ण करने के लिए सम्बल प्रदान किया जा सके, ताकि वे अपने व्यक्तित्व का विकास पूरी तरह से कर सके.

अधिक विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ पंहुचाने के लिए जल्द ही एक और आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। वे अभ्यर्थी इसके लिए उपयुक्त नही पाए जाएंगे जो पहले से ही किसी और एजेंसी से आर्थिक मदद पा रहे हैं। लाभार्थी विद्यार्थियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को उनकी फीस से लिंक नहीं किया जाएगा। रोज़गार पाने के बाद विद्यार्थियों को इस ऋण को दो वर्ष में किश्तों के रूप में भुगतान के लिए कहा जाएगा। इस ऋण के भुगतान की ज़िम्मेदारी न तो लाभार्थी विद्यार्थी के माता/पिता और न ही उसके आवेदन की अनुशंसा करने वाले संकाय सदस्यों की होगी।

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