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UPSC Result 2019: प्रशासनिक अधिकारी बनने वाले पहले भूमिज आदिवासी हैं ‘शांतनु कुमार सिंह’, जानें उनकी कामयाबी का मंत्र

इतिहास में ये पहली बार हुआ है तब तकरीबन 4 लाख की आबादी वाले भूमिज आदिवासी समुदाय के किसी युवक ने यूपीएससी क्वालीफाई किया है. इस युवक का नाम है शांतनु कुमार सिंह.

रांची: इतिहास में ये पहली बार हुआ है तब तकरीबन 4 लाख की आबादी वाले भूमिज आदिवासी समुदाय के किसी युवक ने यूपीएससी क्वालीफाई किया है. इस युवक का नाम है शांतनु कुमार सिंह. शांतनु पूर्वी सिंहभूम स्थित छवड़ियां गांव के रहने वाले हैं. यूपीएससी में ये शांतनु का तीसरा प्रयास था. इससे पहले उन्होंने छठी जेपीएससी परीक्षा में भी कामयाबी हासिल की थी. शांतनु फुटबॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं………….

शांतनु ने अपनी आरंभिक शिक्षा गोविंदपुर के विग इंग्लिश स्कूल से हासिल की. इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने सैनिक स्कूल भुवनेश्वर से पूरी की. शांतनु ने यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से ज्योग्राफी में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ज्योग्राफी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. मास्टर्स की पढ़ाई के दौरान की शांतनु ने तय कर लिया था कि प्रशासनिक अधिकारी बनना है. वो 2016 से ही तैयारी में जुट गये थे.

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी, परीक्षा की चुनौती और रणनीति तथा कामयाबी के मूलमंत्र को लेकर प्रभात खबर संवाददाता सूरज ठाकुर ने शांतनु कुमार सिंह से बातचीत की. पेश है बातचीत के मुख्य़ अंश…

Q. शांतनु, संघ लोक सेवा आयोग में शानदार सफलता पर आपको बधाई.

शांतनु- जी बहुत-बहुत धन्यवाद.

Q. आपने परीक्षा की तैयारी कैसे की. तैयारी के कैसी चुनौतियां रहीं?

शांतनु- जी, मैंने मास्टर्स करते समय ही सोच लिया था कि सिविल सर्विसेज में जाना है. इसलिये मैंने सिलेबस के मुताबिक तैयारी शुरू कर दी. बेसिक समझ के लिये एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं. नोट्स बनाये. कोचिंग की भी मदद ली जहां मुझे अच्छे नोट्स और स्टडी मैटेरियल का फायदा मिला.

ऑनलाइन स्त्रोतों का बखूबी इस्तेमाल किया. करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिये नियमित रूप से अखबार पढ़ा. करेंट अफेयर्स से जुड़ी मैगजीन का अध्ययन किया. उनके भी नोट्स बनाये.

Q. आपने तैयारी के दौरान कौन सी किताबों का अध्ययन किया?

शांतनु- मैंने पहले तो बेसिक समझ के लिये एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं. इसके बाद अलग-अलग किताबों का रेफ्रेंस लिया. राजनीति विज्ञान के लिये लक्ष्मीकांत की किताब पढ़ी. इकोनॉमिक्स के लिये मृणाल सर की किताब के अलावा, श्रीराम आईएएस के नोट्स को पढ़ा. इतिहास के लिये स्पेक्ट्रम की किताब मॉडर्न हिस्ट्री के लिये और आर्ट एंड कल्चर के लिये नितिन सिंघानिया की किताब का अध्ययन किया. पर्यावरण के लिये शंकर आईएएस की किताबें पढ़ी. ज्योग्राफी से मैंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेुजएशन किया है इसलिये इसमें अलग से किताबों की जरूरत नहीं पड़ी.

Q. तैयारी के लिये रोज नियमित रूप से कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

शांतनु- मैं नियमित रूप से रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई करता था. वैसे मुझे लगता है कि पढ़ाई की टाइमिंग इतनी मायने नहीं रखती. सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि तैयारी की दिशा क्या है. यदि आप ध्यान पूर्वक पढ़ाई करते हैं तो पांच घंटे की पढ़ाई भी काफी होती है. मैंने नियमित रूप से पढ़ाई की. पूरा फोकस रखा. सोशल मीडिया में एक्टिव नहीं रहा और परिणाम सामने है,.

Q. करेंट अफेयर्स की तैयारी में किन सेक्शन पर ध्यान देना चाहिये?

शांतनु- देखिये, करेंट अफेयर्स अथाह है. रोज देश और दुनिया में कुछ ना कुछ बड़ा घटित होता है. लेकिन, हमें सबसे पहले अपने सिलेबस का विश्लेषण करना चाहिये कि हमारे लिये क्या जरूरी है. हमारे सिलेबस के मुताबिक क्या चीजें है. हमें अपना दायरा वहीं तक सीमित रखना चाहिये बजाय कि हम सारी घटनाओं का नोट्स बनाते चलें. अपने सिलेबस में दी गयी बातों को करेंट अफेयर्स के साथ रिलेट करने की कोशिश करें.

Q. आपके मुताबिक यूपीएससी में कामयाबी का मूलमंत्र क्या है?

शांतनु- जी, तैयारी के दौरान विषय वस्तु को लेकर बेसिक समझ बनानी पड़ती है. हिस्ट्री, ज्योग्रॉफी, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स पर कमांड कायम करना होता है. अंतर्राष्ट्रीय रिलेशन्स की समझ विकसित करनी होती है. इतना कर लिया तो प्रिलिम्स क्लियर किया जा सकता है. सारा खेल बेसिक कॉन्सेप्ट का है.

Q. परीक्षा में भाषा का माध्यम के तौर पर कितना योगदान रहता है?

शांतनु- परीक्षा किस माध्यम से देते हैं ये ज्यादा मायने नहीं रखता. हां परीक्षा की तैयारी के दौरान भाषा मायने रखती है. क्योंकि हमारा अनुभव कहता है कि तैयारी के दौरान हिंदी में स्टडी मैटेरियल की कमी रहती है. हिन्दी माध्यम के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण स्टडी मैटेरियल की कमी से जूझना पड़ता है. वहीं इंग्लिश में स्टडी मैटेरियल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है. इसी बात से अंतर पड़ जाता है. इसलिये अभ्यर्थियों को हिन्दी के साथ-साथ इंग्लिश के भी स्टडी मैटेरियल का अध्ययन करना चाहिये.

Q. मुख्य परीक्षा में किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ता है?

शांतनु- मुख्य परीक्षा में सबसे अहम लिखने की शैली और स्पीड है. इसमें तीन बातों को ध्यान में रखना पड़ता है कि, आप जो भी उत्तर लिखते हैं, उसमें पर्याप्त कंटेंट हो. उसकी शैली सही हो. यानी कि सबसे पहले सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन हो. इसके बाद बॉडी हो जिसमें महत्वपूर्ण बातें हों और अंत में निष्कर्ष हो.

निष्कर्म में सारे उत्तर का निचोड़ होना चाहिये. साथ ही इसमें स्पीड भी काफी मायने रखता है. सही स्पीड से लिखेंगे तभी पूरा उत्तर लिख पायेंगे. उत्तर लिखते समय पर्याप्त मात्रा में बार डाइग्राम, मैप और पाइचार्ट का उपयोग कर सकते हैं.

Q. आपका इंटरव्यू किस बोर्ड में था. इंटरव्यू का अनुभव कैसा रहा?

शांतनु- मेरा इंटरव्यू बीएस बख्शी जी के बोर्ड में था. चूंकि मैंने स्कूलिंग सैनिक स्कूल से की है तो मुझसे डिफेंस रिलेटेड सवाल पूछे गये. पूछा गया कि मेरा बेस डिफेंस की तरफ है तो मैं सिविल सर्विसेज में क्यों आना चाहता हूं. डेमोक्रेसी से संबंधित सवाल पूछे गये. ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट ज्योग्राफी से संबंधित सवाल पूछे गये. चूंकि मैंने सुब्रतो कप खेला है, इसलिये फुटबॉल से संबंधित सवाल भी पूछे गये. इंटरव्यू के लिये जरूरी होता है खुद को मानसिक रूप से तैयार करना. आत्मविश्वास होना चाहिये.

Q. आप पहले और एकमात्र भूमिज आदिवासी युवक हैं जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की. क्या कहना चाहेंगे?

शांतनु- मेरे लिये ये गौरव का विषय है. परीक्षा परिणाम आने के बाद मुझे इस बारे में पता चला कि मैं पहला हूं जिसने अपने समुदाय से यूपीएससी की परीक्षा पास की है. मैं चाहूंगा कि अपने समुदाय से आने वाले बाकी बच्चों को भी ऐसी कामयाबी हासिल करने के लिये प्रेरित करूं. प्रशासनिक नजरिये की बात करूं तो मैं ट्राइबल की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये ग्रास रूट लेवल पर काम करूंगा.

ट्राइबल युवाओं के लिये स्पोर्ट्स की सुविधा मुहैया करवाने का प्रयास करूंगा. मेरी योजना पिता जी के साथ मिलकर एक स्पोर्ट्स एकडेमी जैसा कुछ शुरू करनी की है.

Q. आप परीक्षा की तैयारी के दौरान होने वाले तनाव से कैसे डील करते थे?

शांतनु- मेरा पसंदीदा खेल फुटबॉल है. फुटबॉल में मैंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है. मैंने सुब्रतो कप खेला है. इसलिये जब भी तैयारी से वक्त मिलता था मैं यूनिवर्सिटी कैंपस में जाकर फुटबॉल खेलता था. बीच-बीच में समय निकालकर पहाड़ों पर ट्रिप के लिये जाता था. मुझे दोस्तों के साथ हिल स्टेशन की सैर करना अच्छा लगता है.

Q. शांतनु. आप अपनी इस शानदार कामयाबी का श्रेय किन्हें देंगे?

शांतनु- मैं अपनी कामयाबी का श्रेय सबसे पहले आध्यात्मिक गुरू ठाकुर अनुकूल जी को देना चाहूंगा. उनसे मुझे काफी प्रेरणा मिलती है. मेरे पिता-पिता को भी श्रेय दूंगा जिन्होंने खुद बहुत स्ट्रगल किया लेकिन मुझे आगे बढ़ाया. मेरे दोस्तों को भी श्रेय देना चाहूंगा जिन्होंने मुश्किल वक्त में मेरा हौसला टूटने नहीं दिया. टीचर्स को भी श्रेय दूंगा जिन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया.

Q. जो लोग यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिये कोई संदेश.

शांतनु- तैयारी से पहले सिलेबस को ध्यान से देखिये. उसका विश्लेषण कीजिये. समझिये की क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है. एनसीईआरटी की किताबें पढ़िये. ऑनलाइन कोर्सेज का सहारा लीजिये. पढ़ाई की रणनीति कैसे बनानी है इसके लिये टॉपर्स के इंटरव्यू देखिये. फोकस्ड रहिये. नियमित रूप से पढ़ाई कीजिये.

Q. शांतनु, इस पूरी बातचीत के लिये आपका बहुत शुक्रिया.

शांतनु- जी शुक्रिया.

Posted By- Suraj Kumar Thkaur

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