गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रतिबंधित होने के बावजूद चाइनीस मांझे धड़ल्ले से बिक रहे हैं. आए दिन मांझे में फस कर कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है. लेकिन, इस प्रतिबंधित मंझों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. ऐसी ही एक घटना गोरखपुर के हुमायूंपुर उत्तरी के रहने वाले विजय प्रकाश चौधरी के साथ घटित हुई है. जिससे, वह गंभीर रूप से घायल हो गए है. स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. विजय प्रकाश चौधरी विद्युत विभाग में संविदा कर्मचारी है और विद्युत मजदूर एवं संविदा मजदूर संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष भी हैं. सोमवार की शाम विजय प्रकाश चौधरी बिजली विभाग में ड्यूटी कर अपने घर हुमायूंपुर जा रहे थे अभी वह अलीनगर से तरंग क्रॉसिंग पुल पर पहुंचे थे कि अचानक उनके गले में पतंग का मांझा फस गया.
वह कुछ समझ पाते तब तक उनका गर्दन कट गया और उनके गर्दन से तेजी से खून बहने लगा. जिसके बाद राहगीरों की मदद से उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. गोरखपुर की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है. बावजूद इसके प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है. पीड़ित के परिवार वालों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस चाइनीस मांझे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाए. लगभग एक वर्ष पहले गोरखपुर के नौसड़ के पास खजनी के संजय निगम के गर्दन चाइनीस मांझे में फस कर कट गई थी. जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया था, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था जहां 4 दिन इलाज के बाद उनकी जान बच सकी थी.
बीते जनवरी महीने में चाइनीज मांझा के चलते एक होमगार्ड की जान पर बन आई ड्यूटी से घर लौटते वक्त वह चाइनीज मंझे की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो गया था . होमगार्ड पाली स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय से बाइक से अपने घर जा रहा था. जब वह गगहा के पास पहुंचा तो चाइनीज मांझा की चपेट में आ गया. उसके गले में चाइनीज मांझा फस गया हाथ से निकालने समय उसका चेहरा कई जगह से कट गया और वह गाड़ी लेकर गिर पड़ा. लोगों ने जब मांझे को निकालने की कोशिश की तो होमगार्ड का होठ बुरी तरह से कट गया था. जिसके बाद इलाज के लिए से भर्ती कराना पड़ा था.
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बीते जनवरी माह में ही गोरखपुर सूरजकुंड ओवरब्रिज से अपने घर जा रहे हैं. सुभाष चंद्र बोस नगर निवासी बबलू चाइनीज मांझा के शिकार हो गए. वह दोपहर लगभग 1:00 बजे दुकान बंद कर अपने घर जा रहे थे अभी सूरजकुंड फ्लाईओवर पर पहुंचे थें. तभी उनके गले में कुछ फंसा महसूस हुआ. वह, जब तक बाइक रोकते मांझा उनके गले में लिपट गया था जिसे उन्होंने झटके से हटाया. जिससे उनकी आधे से ज्यादा उंगली कट गई और गला भी कट गया. जिसके बाद उन्हें राहगीरों की मदद से आनन-फानन में डॉक्टर के पास पहुंचाया गया, जिससे उनकी जान बची.
चाइनीज मांझा को नायलान और मैटेलिक पाउडर से मिलाकर बनाया जाता है जो काफी लचीली होती है. पतन के पेच लड़ाते समय यह आसानी से कटने की बजाय खींचकर और बढ़ जाता है. साथ ही सामान्य धागे से बने मांजे से सस्ता होने के चलते भी लोग इसे खरीदते हैं. पतंग कटने के बाद यह मांझा पंछियों के साथ ही दो पहिया वाहन चालकों के हाथ और गले में फंस कर उन्हें घायल कर देते हैं. कई मामलों में तो इससे लोगों की जान भी जा चुकी है.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर