Google पर इस देश में लगा बड़ा जुर्माना, संगीन है मामला
Google Fined: मॉस्को की तागंस्की जिला अदालत के मजिस्ट्रेट ने गूगल पर 1.5 करोड़ रूबल (लगभग 1,64,200 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया. इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा रूस में रूसी नागरिकों के निजी डेटा भंडारित करने से बार-बार इनकार किए जाने पर अदालत का यह आदेश आया.
Google Fined: रूस की एक अदालत ने रूसी यूजर्स के लिए निजी डेटा भंडारित करने में नाकाम रहने को लेकर गूगल पर जुर्माना लगा दिया. यू्क्रेन युद्ध को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में गूगल पर लगाए गए सिलसिलेवार जुर्माने में यह लेटेस्ट है.
मॉस्को की तागंस्की जिला अदालत के मजिस्ट्रेट ने गूगल पर 1.5 करोड़ रूबल (लगभग 1,64,200 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया. इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा रूस में रूसी नागरिकों के निजी डेटा भंडारित करने से बार-बार इनकार किए जाने पर कोर्ट का यह आदेश आया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें गूगल पर इन्हीं आरोपों को लेकर पूर्व में, अगस्त 2021 और जून 2022 में एक रूसी कानून के तहत जुर्माना लगाया गया था.
पॉलिसी में बदलाव कर रहा गूगल: गौरतलब है कि गूगल दिसंबर के महीने में जीमेल अकाउंट के लिए अपनी इनएक्टिविटी पॉलिसी में बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव के तहत अगर आपने दो साल से अपने जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया है या उसपर लॉग-इन नहीं किया है तो ऐसे में कंपनी आपके जीमेल अकाउंट को डिलीट कर सकती है.
इन अकाउंट्स को है खतरा: इनएक्टिव अकाउंट में टू-स्टेप वेरिफिकेशन होने की संभावना 10 गुना कम है. क्योंकि ये अकाउंट सुरक्षित नहीं हैं, अगर ये गलत हाथों में पड़ गए, तो इनका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. यही नहीं, पहचान की चोरी कर दुर्भावनापूर्ण कंटेंट जैसे स्पैम फैलाने जैसी चीजों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
नयी पॉलिसी के तहत इन अकाउंट्स को खतरा: गूगल की नयी पॉलिसी उन यूजर्स के लिए है जिन्होंने दो साल से अपने जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया है. यह स्कूलों या बिजनेस जैसे ऑर्गनाइजेशंस के अकाउंट को प्रभावित नहीं करेगा. ऐसे में अगर आपने हाल ही में अपने गूगल अकाउंट या उसकी किसी सर्विस में साइन-इन किया है, तो आपका अकाउंट एक्टिव माना जाएगा और डिलीट किये जाने से सुरक्षित रहेगा.
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन में कमी: गूगल यह बदलाव इसलिए कर रहा है क्योंकि इनएक्टिव अकाउंट अक्सर पुराने या बार-बार इस्तेमाल किये गए पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं. इनमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की कमी होती है, और इसमें सिक्योरिटी की भी कमी होती है.