कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली ममता बनर्जी की सरकार ने संसद में पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग का प्रस्ताव बंगाल विधानसभा में पास कर दिया. इससे पहले, सदन में भारी हंगामे के बाद भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए. भाजपा के विधायकों के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा प्रस्ताव रखने के बाद बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन कानूनों को निरस्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.
श्री चटर्जी द्वारा प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. भाजपा के विधायक दल के नेता मनोज तिग्गा के नेतृत्व में पार्टी के विधायक सदन में आसन के करीब पहुंच गये और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार कानूनों के खिलाफ ‘भ्रामक अभियान’ चला रही है.
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बाद में ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए मनोज तिग्गा के साथ पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गये. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं. हम इन्हें तुरंत वापस लिये जाने की मांग करते हैं. केंद्र को या तो तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता से हट जाना चाहिए.’
#UPDATE | West Bengal Legislative Assembly passes the resolution against three central agriculture laws. https://t.co/ZCcbZ6AxH1
— ANI (@ANI) January 28, 2021
ममता बनर्जी ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस किसानों की ट्रैक्टर परेड को सही तरीके से नियंत्रित नहीं कर पायी, जिस कारण से गणतंत्र दिवस के दिन स्थिति हाथ से बाहर निकल गयी. ममता बनर्जी ने कहा, ‘इसके लिए दिल्ली पुलिस को दोष देना चाहिए. दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? यह खुफिया तंत्र की नाकामी है. हम किसानों को गद्दार बताया जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे. वे इस देश की संपत्ति हैं.’
Posted By : Mithilesh Jha