आगरा. डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने मेडिकल (MMBS) के विद्यार्थियों की परीक्षा लंबे समय से नहीं कराई गई थी.एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने कई बार इसके विरोध में विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था. छात्रों के काफी संघर्ष और हंगामे के बाद विश्वविद्यालय ने परीक्षा कराने का निर्णय लिया.आज मंगलवार से एमबीबीएस की परीक्षाएं शुरू हुईं लेकिन पहले ही दिन इतनी बड़ी चूक हो गई कि परीक्षा रद्द कराने का निर्णय लेना पड़ा. इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि आउट ऑफ सिलेबस पेपर आ गया था. जिसकी वजह से इसे रद्द किया गया है. अब यह पेपर 24 मई को कराया जाएगा.
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस की परीक्षा में करीब 650 छात्र-छात्रा हैं. सभी का सेंटर खंदारी कैंपस स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी बनाया गया है. मंगलवार को पहले दिन 10 से 1 की पाली में एमबीबीएस के एनाटॉमी प्रथम (‘प्रथम प्रॉफ एनाटॉमी फर्स्ट ) तथा पैथोलॉजी प्रथम ( न्यू/ओल्ड कोर्स द्वितीय प्रॉफ पैथोलॉजी प्रथम ) की परीक्षा थी. एनाटॉमी प्रथम के परीक्षार्थियों को पेपर दिया गया तो वह अवाक रह गये. पेपर आउट आफ कोर्स था. एनाटॉमी फर्स्ट की जगह सेकेंड का पेपर उनको दे दिया गया था.
परीक्षा में गलत पेपर मिलने की वजह से सभी परीक्षार्थी विरोध करने लगे. विवि प्रशासन को जब यह जानकारी लगी तो परीक्षा नियंत्रक डॉ ओम प्रकाश मौके पर पहुंचे. उन्होंने मामले की जानकारी ली. करीब आधे घंटे तक एक बैठक चली. इसके बाद निर्णय लिया गया कि अब एनाटॉमी फर्स्ट का पेपर 24 मई को संपन्न कराया जाएगा. विश्वविद्यालय द्वारा आधी अधूरी तैयारियों के साथ शुरू कराई गई एमबीबीएस की परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में गुस्सा है.