यौन शोषण मामले में बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में गैर जमानती वारंट जारी किया था.

By Kushal Singh | June 14, 2024 6:29 PM
an image

POCSO Case: हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए पॉक्सो मामले में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है और येदियुरप्पा को जांच में सहयोग करने को कहा है. साथ ही हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में 17 जून को सीआईडी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है. ज्ञात हो कि . फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में गैर जमानती वारंट जारी किया था. बता दें कि बीएस यदियुरप्पा पर एक नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोप है. इस प्रकरण में वारंट जारी होने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. इसके साथ ही उन्होंने केस को भी रद्द करने की मांग की थी. जिसपर आज सुनवाई हुई.

येदियुरप्पा के खिलाफ क्यों जारी हुआ गैर जमानती वारंट

फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया किया है. बता दें यह पूरा मामला 2 फरवरी 2024 की है. जब एक महिला अपनी 17 साल की बेटी के साथ येदियुरप्पा के निवास पर रेप केस में मदद मांगने गई थी. उस दौरान आरोप है कि यदियुरप्पा के घर में लड़की से छेड़छाड़ की घटना हुई. इस मामले में पीड़िता नाबालिग लड़की की मां ने 14 मार्च को बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक डीआईजी ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया था. बुधवार को सीआईडी ने येदियुरप्पा को पेश होने के लिए समन भेजा था. इसपर जवाब देते हुए उनके वकील ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यदियुरप्पा ने 17 जून को पूछताछ में शामिल होने की बात कही, लेकिन CID फास्ट ट्रैक कोर्ट से वारंट ले आई. इन आरोपों को खारिज करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वे कानूनी रूप से लड़ेंगे.

क्या होता है पॉक्सो एक्ट


हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है. दरअसल पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट होता है. बता दे यह एक्ट नाबालिग लडकी और लड़के दोनों में से किसी के भी खिलाफ़ हुई यौन हिंसा के खिलाफ़ लागू होता है. इस कानून को 2012 में लाया गया था. पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है. इस एक्ट को लाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य था नाबालिग बच्चों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण देना. इस एक्ट के तहत दोषी पाए जाने वाले अपराधी के खिलाफ उम्रकैद जैसी सजा का भी प्रवधान है.

Also Read:‘Nagastra–1’ देश के दुश्मनों को देगा करारा जवाब, घर में घुसकर मारेगा, जानें इसकी खासियत

कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं बीएस येदियुरप्पा

वर्तमान समय में यौन शोषण के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा दक्षिण के कद्दावर नेता है. भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में इनका नाम लिया जाता है. बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के 19वें मुख्यमंत्री है, इन्होंने 30 मई 2008 को शपथ ग्रहण किया था. अभी येदियुरप्पा कर्नाटक राज्य की विधानसभा में शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं. बता दें कि भाजपा संगठन में येदियुरप्पा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया था. लेकिन राज्य की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हे राज्य का अध्यक्ष बना दिया गया. ये कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. साथ ही साल 2007 में जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. बताते चलें येदियुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं.

Also Read; National Anthem Recitation Mandatory: जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान अनिवार्य किया गया

Exit mobile version