सात समंदर पार धमाल मचा रही है लोहरदगा के कल्याण की पुस्तक, बेस्ट राइटर ऑफ द इयर 2023 से हुए सम्मानित
लोहरदगा के छतर बगीचा निवासी कल्यान कुमार की 10वीं पुस्तक बिग एंड बेटर का रिजल्ट 15 मार्च को ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशित किया गया. जिसमें कल्याण को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. साहित्य के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में बेस्ट बुक ऑफ इयर और बेस्ट राइटर ऑफ द इयर 2023 से सम्मानित हुए.
Lohardaga News: लोहरदगा के कल्याण कुमार ने लिखने में एक और उपलब्धि अपने नाम हासिल किया है. कल्याण को आस्ट्रेलिया में बेस्ट बुक ऑफ ईयर और बेस्ट राइटर ऑफ दहिया से सम्मानित हुए. कल्याण कुमार अपनी लेखनी के माध्यम से विदेशों में भी लगातार सफलता के परचम लहरा रहे हैं. इनकी लिखी पुस्तक पावर्टी इन इंडिया पिछले साल न्यूयॉर्क में दूसरा स्थान प्राप्त किया था.
लोहरदगा के छतर बगीचा निवासी जगदीश प्रसाद यादव व सुनीता देवी के 17 वर्षीय पुत्र कल्यान कुमार की 10वीं पुस्तक बिग एंड बेटर का रिजल्ट 15 मार्च को ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशित किया गया. जिसमें कल्याण को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. साहित्य के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में बेस्ट बुक ऑफ इयर और बेस्ट राइटर ऑफ द इयर 2023 से सम्मानित हुए. कल्याण कुमार भारत के अलावा विदेशों में भी जिले का नाम रौशन किया है. कल्याण कुमार ने अबतक कुल 10 पुस्तकें लिखी गयी है. अंग्रेजी भाषा की पुस्तक पॉवर्टी इन इंडिया का पब्लिकेशन न्यूयार्क में हुआ. इसके अलावा उन्होंने मैजिक ऑफ वड्स, मेरी मंजिल, दी जर्नी टू फ्रीडम, दी आर्ट ऑफ पोएट्री, दी असेंड फीलिंग्स, एक हसीन सफर, दी रीयूनियन, फ्रेम ऑफ इमेजिनेशन व बिग एंड बेटर नामक पुस्तक लिखी गई है. बिगर एंड बेटर पुस्तक बेस्ट बुक ऑफ द इयर का अवार्ड के लिए आस्ट्रेलिया में नॉमिमेट किया गया. कल्याण को भारत सरकार की ओर से शानदार प्रदर्शन के लिए साहित्य के सबसे बड़े रवींद्रनाथ टैगोर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
इसके अलावा कल्याण को और भी कई पुरस्कार व अवार्ड मिल चुके हैं. कल्याण द्वारा लिखी गई पुस्तक हिमाचल प्रदेश के संत फ़्रांसिसी स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जा चुका है. वर्तमान समय मे न्यूयॉर्क पब्लिशिंग एजेंसी के साथ काम करने वाले अकेले भारतीय लेखक कल्याण कुमार लोहरदगा जिला को विश्व में पहचान दिलाया. कल्याण अपनी इस सफलता का श्रेय कल्याण अपने परिवार वाले और दोस्तो को देते हैं. कल्याण फिलहाल रांची कपिलदेव स्कूल में 12वीं का छात्र है.
लॉकडाउन में शुरू किया पुस्तक लिखना
कल्याण बताते हैं कि जब पूरा देश कोरोना जैसे महामारी के दौर से जूझ रहा था. स्कूल कॉलेज एवं सभी सार्वजनिक संस्थानें बंद थी. तब कल्याण ने लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में घर के अंदर समय बिताना काफी मुश्किल था. मन ही मन सोचा अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का सही समय आ गया और लगभग छह महीने की मेहनत रंग लायी. अब कल्याण को पुस्तक लिखना मानो उसकी सबसे ज्यादा पसंदीदा शौक हो गया है.