सबसे बड़ा राजनीतिक पलायन: एक साथ तृणमूल कांग्रेस के 34 नेताओं ने पार्टी छोड़ी
पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में शनिवार को एक दिन में सबसे बड़ा पलायन (Biggest Political Migration) देखने को मिला, जब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (AITC) के 34 नेताओं ने एक साथ अपनी पार्टी छोड़ दी. तृणमूल (TMC) के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) और पांच विधायकों, एक सांसद समेत 34 नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गये. मेदिनीपुर (Medinipur) में अमित शाह की रैली (Amit Shah Rally) में इन लोगों ने भाजपा का झंडा थाम लिया.
मेदिनीपुर/कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक दिन में सबसे बड़ा पलायन देखने को मिला, जब तृणमूल कांग्रेस के 34 नेताओं ने एक साथ अपनी पार्टी छोड़ दी. तृणमूल के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों, एक सांसद समेत 34 नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये. मेदिनीपुर में अमित शाह की रैली में इन लोगों ने भाजपा का झंडा थाम लिया.
पार्टी छोड़ने वाले तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आशंका जतायी कि आने वाले समय में और पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सौगत रॉय ने भाजपा में शामिल होने वालों को ‘विश्वासघाती’ करार देते हुए कहा कि ऐसे तत्वों का पार्टी छोड़ना ही ठीक है.
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों की मानें, तो वर्ष 1998 में ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस से अलग होकर नयी पार्टी बनाये जाने के बाद से एक दिन में तृणमूल से सबसे बड़ा पलायन है. पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के बाद से तृणमूल कांग्रेस के 10 विधायक तथा कांग्रेस और माकपा के एक-एक विधायक भाजपा के खेमे में जा चुके हैं. हालांकि, इनमें से किसी ने विधानसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी.
अमित शाह की रैली में भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं को मिलाकर अब तक तृणमूल कांग्रेस के 15 विधायक, माकपा के 3 विधायक और कांग्रेस के 2 विधायक भाजपा खेमे में आ चुके हैं. 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 6 विधायक हैं.
बर्दवान पूर्व लोकसभा सीट से दो बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीत चुके सांसद सुनील मंडल भी भाजपा में शामिल हो गये हैं. वह पिछले कुछ दिनों से मुखर तरीके से तृणमूल नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों पर बोल रहे थे. श्री मंडल पहले वाम मोर्चा के घटक दल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक थे. वर्ष 2014 में वह तृणमूल कांग्रेस में आ गये थे.
Posted By : Mithilesh Jha