बांका : देश में खासकर बिहार के पूर्वी हिस्से में गैस और पेट्रोल आधारित उद्योगों की बड़ी संभावना है. जिसके लिए बिहार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. भविष्य में बिहार गैस और पेट्रोल अधारित उद्योगों का हब बनेगा. जिसके लिए कई योजनाएं बिहार को मध्य में रखकर बनायी जा रही है. उक्त बातें रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के बाराहाट स्थित मधुसुदनपुर में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के गैस बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन के मौके पर कही.
131 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस गैस बॉटलिंग प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 40 हजार खाली सिलेंडर को भरे जाने की है. प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन अंगिका भाषा में देते हुए सबसे पहले बांका को शहीदों की धरती बताते हुए बांका को नमन किया. बाद में पीएम ने संबोधन के दौरान जनता को बताया कि बाॅटलिंग प्लांट को आपूर्ति की जाने वाली गैस पाइपलाइन के द्वारा की रही है जो पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है. उन्होंने 194 किलोमीटर बनाई गयी गैस पाइपलाइन को 17 माह के रिकॉर्ड समय में पूरा होने का भी बात कहीं. जिसमें तकरीबन 441 करोड़ रुपये की लागत आयी है. जो पारादीप हल्दिया दुर्गापूर से होते हुए बांका पहुंची है.
वहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन के पूर्व बिहार के दिग्गज नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वे मिट्टी से जुड़े हुए नेता थे. उनके जीवन के अंतिम दो एक दिनों में राज्य के प्रति उन्होंने अपनी चिंता से बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था. उनकी चिंता को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पूरा करेगी.
पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना में भी बिहार की पूरी सहभागिता है. तीन हजार करोड़ की लागत से संचालित योजना 7 राज्यों से होकर गुजरेगी जो गुजरात के कांग्ला से गोरखपुर तक पाइप लाइन के जरिए गैस सप्लाई की जायेगी. यह दुनिया की सबसे बड़ी गैस सप्लाई पाइप लाइन साबित होगी. जिसमें खासकर भारत के पूर्वी हिस्से में गैस आधारित उद्योग के विकास में सहायक होगी. इस योजना के चालू होने से जहां बंद पड़े खाद कारखाने भी शुरू हो जाएंगे. वही इससे लोगों को सस्ती गैस भी उपलब्ध होगी.
प्रधानमंत्री ने बिहार के प्रगति में युवाओं की अहम हिस्सेदारी पर बल दिया. कहा कि युवाओं की कार्य क्षमता में पावर हाउस छुपा हुआ है. पीएम ने बिहार के कला और संगीत के साथ-साथ यहां के स्वादिष्ट भोजन की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में इन चीजों के बारे में लोग हर वक्त बात करते रहतें हैं. यहां के श्रमिको की कार्यकुशलता देश के सभी हिस्सों में दिखलाई पड़ती है.
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अपने 36 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर भी बल दिया. पीएम ने कहा कि आज महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही हैं. उन्होंने इस कड़ी में उज्जवला गैस योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने बिहार के 15 वर्ष पूर्व के कुशासन को भी लोगों के सामने रखा. उस जमाने में बिहार की एक पीढ़ी के लोग योजना की शुरुआत देखते थे तो दूसरी पीढ़ी के लोग उस योजना के पूर्ण होने का इंतजार करते रहती थी. लेकिन, अब स्थिती व परिस्थिती दोनों बदल चुकी है . आज जिस रफ्तार से देश में विकास के काम हो रहा है वह विकास बिहार में भी दिखायी दे रहा है.
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पीएम ने कहा कि देश का विकास बिहार के विकास के बिना संभव नहीं है. उन्होंने इसके लिए हाल के दिनों में रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्टिविटी को केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता बताया. कार्यक्रम के आरंभ में आईओसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों एवं अतिथियों का मधुबनी पेंटिंग एवं तुलसी के पौधे को देकर सम्मानित किया. इस मौके पर जिला प्रभारी मंत्री रामसेवक सिंह कुशवाहा, राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, सांसद गिरधारी यादव, एमएलसी मनोज यादव एवं डीएम सुहष भगत के आलावा आईओसी के कई अधिकारी मौजूद थे.
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