Bihar: मैट्रिक परीक्षार्थी के एडमिट कार्ड में जेंडर चेंज, बिहार बोर्ड अब हेडमास्टर पर दर्ज करा रहा केस
जहानाबाद में स्कूल की गलती का खामियाजा मैट्रिक परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. कई छात्रों का जेंडर फिमेल बताकर फॉर्म भरा गया है. इस मामले में बिहार बोर्ड अब प्रधानाध्यापक पर प्राथमिकी दर्ज कर रहा है.
एडमिट कार्ड में जेंडर चेंज होने के कारण कई छात्रों को छात्राओं के बीच बैठ कर मैट्रिक की परीक्षा देनी पड़ रही है. जहानाबाद के कई छात्रों के एडमिट कार्ड पर जेंडर चेंज हो गया है, जिसके कारण वह मेल से फीमेल हो गया है. ऐसे में उसे छात्राओं के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देना पड़ रहा है. मैट्रिक परीक्षा के एडमिट कार्ड में जेंडर बदल कर फीमेल कर दिये जाने के कारण उसे असहजता के बीच छात्राओं के साथ परीक्षा में शामिल होना पड़ रहा है. अब इस मामले पर बिहार बोर्ड ने सख्त कदम उठाते हुए हेडमास्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई की है.
गुरुवार को मैट्रिक परीक्षा शुरू हुई तो छात्राओं के लिए मॉडल परीक्षा केंद्र पर छात्र को भी मजबूरन परीक्षा देते देखा गया. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला शिक्षा पदाधिकारी का एक पत्र सामने आया है जिसमें उच्च विद्यालय इक्किल के प्रधानाध्यापक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश बिहार बोर्ड की तरफ से मिला है. दरअसल इस स्कूल के भी कई छात्रों के एडमिट कार्ड में त्रुटि के कारण छात्राओं के सेंटर पर एग्जाम देना पड़ा था.
उच्च विद्यालय इक्किल के छात्र सूरज कुमार के एडमिट कार्ड में जेंडर चेंज दिखा और छात्राओं के लिए मॉडल परीक्षा केंद्र पर उसे परीक्षा देना पड़ा. ऐसे कई अन्य स्कूलों के उदाहरण सामने आये थे.
केंद्र पर तैनात दंडाधिकारी, केंद्राधीक्षक तथा वीक्षक भी ऐसे मामले को देख पहले तो आश्चर्यचकित रहे, इसके बाद गहनता से उसके एडमिट कार्ड की जांच की गयी. जांच के क्रम में एडमिट कार्ड पर जेंडर में फीमेल पाया गया. छात्र द्वारा छात्राओं के केंद्र पर परीक्षा तो दिया जा रहा है लेकिन यह चर्चा आम हो गयी है कि यह छात्र की गलती है या फिर बोर्ड की.
इस संबंध में डीइओ रौशन आरा ने बताया कि छात्रों की गलती के कारण इस तरह की समस्या हुई है. फॉर्म भरते के समय परीक्षार्थी द्वारा लिंग के कॉलम में गलत जानकारी दी गयी होगी, जिसके कारण एडमिट कार्ड में त्रुटि हुई है.
सवाल यह है कि अगर छात्र द्वारा फॉर्म भरने के दौरान अगर जेंडर में फीमेल लिखा गया था तब भी संबंधित स्कूल के शिक्षकों द्वारा उसकी जांच की जानी चाहिए थी. जांच में उसे सुधारा जाना चाहिए था, लेकिन फॉर्म में सुधार नहीं होने के कारण उसका जेंडर गलत रह गया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan