Bihar: खगड़िया में 10 करोड़ की लागत से पुल तैयार, नाव से यात्रा करने की मजबूरी खत्म, कई गांवों को राहत
बिहार के खगड़िया सदर प्रखंड के अहुना में कोसी नदी की उपधारा छांछ घाट पर पुल तैयार हो जाने से अब लोगों को काफी सहूलियत हो गयी है. अब नाव से घाट पार करके जाने की मजबूरी नहीं रही. कोसी क्षेत्र से कमलांचल की दूरी घटी.
खगड़िया सदर प्रखंड के अहुना में कोसी नदी की उपधारा छांछ घाट पर पुल का निर्माण हो जाने से अब लोगों को राहत मिली है. पुल निर्माण निगम द्वारा 10 करोड़ की लागत से तैयार किये गये आरसीसी पुल से क्षेत्र के हजारों लोगों को बरसात के समय नाव की यात्रा से मुक्ति मिल गयी है. वहीं खगड़िया को दरभंगा-मधुबनी-समस्तीपुर से जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध हो गया है.
सड़क के रास्ते जिला मुख्यालय का संपर्क भंग रहने की मजबूरी
जिला मुख्यालय को खगड़िया अलौली पथ अंतर्गत बछौता चौक से भाया शुंभा, धुसमुरी बिशनपुर बखरी को जोड़ने वाली पथ के रास्ते छांछ घाट पर पुल नहीं रहने से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था. छांछ घाट पर पुल नहीं रहने से जिले के पश्चिमी हिस्से के लाखों लोगों का बरसात के समय तीन से चार माह तक सड़क के रास्ते जिला मुख्यालय का संपर्क भंग रहता था. अब लोगों को 31 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़ रही है.
नाव का ही था सहारा, बरसात में रही आफत
यहां तीन पंचायत के लोगों को बरसात के समय जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेने की मजबूरी थी. अथवा उन्हें बेगूसराय जिला अंतर्गत बखरी बाजार जाकर खरीदारी करनी पड़ती थी. इस पुल के तैयार हो जाने से अब लोगों को राहत मिल रही है.
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नाव से घाट पार करने की मजबूरी अब नहीं
चंद्रपुरा खुर्द पंचायत अंतर्गत अहुना, चंदपुरा, पचराहा के अलावा शुभा पंचायत अंतर्गत मुरली, बलुआहा, रटनाहा गांव के लोग बरसात के समय जुलाई से लेकर अक्टूबर माह तक दो किलोमीटर से लेकर पांच किलोमीटर तक पैदल चलकर छांछ घाट तक पहुंचते थे. उस गांव के लोग नाव से छांछ घाट पार करते थे.
कोसी के लोगों को कमलांचल जाने में सहूलियत
इस पुल के तैयार होने से अब कोसी क्षेत्र के लोगों को कमलांचल यानी दरभंगा-मधुबनी-समस्तीपुर का सफर तय करने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी मिल गया. खगड़िया भाया शुंभा बखरी पथ से सफर करने पर उन्हें करीब 7 किलोमीटर की दूरी कम होने के साथ ही पैसे की भी बचत होगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan