दरभंगा: असराहा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है. वार्ड तीन कब्रिस्तान टोला में नाव की व्यवस्था नहीं होने से आम लोगों के अलावा बीमार, गर्भवती महिला समेत मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ से पूरी तरह घिरे असराहा गांव में महज एक सरकारी नाव डीह टोला से पूर्वी टोला तक ही चलाया जा रहा है. वहीं कई टोला में आवागमन मुख्य सड़क से ठप है.
Also Read: Coronavirus In Bihar : सभी जिलों के निजी अस्पतालों में होगा कोरोना का इलाज, हेल्प डेस्क के साथ मिलेंगी यह अन्य सुविधाएं…
बताया जाता है कि असराहा गांव के कब्रिस्तान टोला में अब्दुल बारीक के 30 वर्षीया दिव्यांग पुत्री रूखसाना खातून को मंगलवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. परिजनों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. पिता अब्दुल बारिक तथा मां तनीजा खातून ने इसकी जानकारी टोल के युवकों को दी. नाव की व्यवस्था नहीं रहने से स्थानीय युवा ट्रक के ट्यूब पर तख्ता रखकर प्रसव पीड़ा से कराहती तनीजा व उसकी मां को बिठाकर जुगार टेक्नोलॉजी से मुख्य सड़क तक पहुंचे. सामाजिक कर्तव्य निर्वहन की मिशाल पेश की.
बताया जाता है कि गर्भवती महिला अपनी मां के साथ सीएचसी केवटी-रनवे पर पहुंची. चिकित्सक ने जांच के पश्चात प्रसव में एक सप्ताह का समय बांकी बता आवश्यक दवा देकर घर भेज दिया. बताया जाता है रुकसाना खातून दिव्यांग है. उसका बायां पैर तथा दाहिना हाथ कटा हुआ है. घर वापस जाने के लिए फिर गांव के मुख्य सड़क पर खड़ी होकर मदद की गुहार लगा रही थी.
जानकारी के अनुसार, गांव के ही मुखिया प्रतिनिधि खुर्शीद आलम, पैक्स अध्यक्ष तौकीर अहमद, सामाजिक कार्यकर्ता अनीसुर रहमान, अंजुम आलम सहित आधा दर्जन ने मानवता का परिचय देते हुए जुगार टेक्नोलॉजी की सहायता से उसे घर तक पहुंचाया.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya