पटना: बिहार में बाढ़ का खतरा तेजी से गहराता जा रहा है.सूबे के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके है. वहीं प्रदेश में अब राहत कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है. भारतीय वायुसेना ने बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया है. आज दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मधुबनी एवं गोपालगंज के सुदूर इलाकों में हेलिकॉटर के द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई गई. दरभंगा डीएम के अनुसार, आज रविवार को हेलीकॉप्टर के द्वारा सदर एवं सिहवाड़ा के प्रभावित क्षेत्रों में राहत का पैकेट गिराया जाना है.
शनिवार को भी जिले के कई इलाकों में राहत सामग्री बांटी गई थी. दरभंगा डीएम की निगरानी में आपदा प्रबंधन शाखा की ओर से दिये गये 1050 राहत पैकेट कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं केवटी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों के बीच बांटे गये. हेलीकॉप्टर द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के सुघराईन गांव में 200 पैकेट, तिलकेश्वर गांव में 250 पैकेट एवं केवटी प्रखंड के बगडीहा गांव में 300 पैकेट तथा चक्कर गांव में 300 सूखा राशन शनिवार को गिराया गया. इस अवसर पर डीएम ने खुद हेलीकॉप्टर पर मौजूद रहकर राहत शिविर, वितरण कार्य एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया.
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मधुबनी में भी बाढ़ का कहर तेजी से बढ़ रहा है. वायुसेना ने यहां भी सूदूर इलाके में राहत सामग्री पहुंचाई. बेनीपट्टी प्रखंड के कई इलाकों में शनिवार को बारिश रुकते ही एक बार फिर से अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर में कमी होने लगी है. हालांकि जलस्तर के कम होने से बाढ़ प्रभावित लोगों को कोई ख़ास राहत मिलते नहीं दिख रहा. पश्चिमी इलाके में सीतामढ़ी जिला के सीमा के पास स्थित बररी पंचायत में समस्या गहरा गयी है. बररी पंचायत का न केवल अनुमंडल मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. घर में रखा सारा सामान खराब हो गया है. लोगों को भूखे प्यासे रात गुजारना पड़ रहा है.
भारतीय वायुसेना ने बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य आज प्रारंभ कर दिया है। आज दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मधुबनी एवं गोपालगंज के सुदूर इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई गई। pic.twitter.com/TLL1fF6GgT
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 26, 2020
कमोबेश यही स्थिति करहारा पंचायत का भी है. इन दोनों पंचायत के सैकड़ों लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण पास के सरकारी विद्यालयों, सड़क और उच्चे स्थलों पर रहने को मजबूर हैं. बररी मध्य विद्यालय पर शरण लिये कई परिवार के लोगों को अनाज पानी में डूब जाने के कारण भूखे रात बितानी पड़ी. ऐसे बाढ़ पीड़ितों के लिये सरकारी स्तर पर न तो सूखा राहत न ही सामुदायिक किचेन आदि की ही व्यवस्था की जा सकी है. ऐसे में छोटे-छोटे नौनिहाल दूध के लिये तड़पने को विवश हैं.
करहारा पंचायत के बिरदीपुर बाढ़ के पानी में टापू में तब्दील हो गया है. बिरदीपुर निवासी मो. नक्की अहमद सहित कई लोगों ने बताया कि नाव नहीं उपलब्ध होने के कारण गंभीर रुप से प्रसव पीड़ित महिलाएं तड़पने को मजबूर हैं. सरकार और प्रशासन की उदासीनता से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है. उधर पाली, रजवन, नजरा व रानीपुर स्थित बाढ़ सुरक्षा बांध को बचाने के लिये ग्रामीण न केवल कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. बल्कि कई रातों से रातजग्गा कर रहे हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya