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Bihar Flood: गोपालगंज में लाल निशान से उपर बह रही गंडक नदी, ड्रोन से निगरानी जारी, आफत में घिरे ग्रामीण

गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज घट रहा है. घटते डिस्चार्ज के बीच गोपालगंज में गंडक नदी तीसरे दिन भी खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर बनी हुई है. उधर, पिछले 48 घंटे में पानी का डिस्चार्ज 1.5 लाख क्यूसेक से नीचे नहीं आया है. हर घंटे जल स्तर घट-बढ़ रहा. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर के कारण तटबंधों पर खतरा बरकरार है. तटबंधों पर कटाव का खतरा देखते हुए 24 घंटे निगरानी की जा रही है. प्रशासन के अधिकारी मुस्तैदी बढ़ाते हुए ड्रोन से निगरानी कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2021 12:03 PM
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गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज घट रहा है. घटते डिस्चार्ज के बीच गोपालगंज में गंडक नदी तीसरे दिन भी खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर बनी हुई है. उधर, पिछले 48 घंटे में पानी का डिस्चार्ज 1.5 लाख क्यूसेक से नीचे नहीं आया है. हर घंटे जल स्तर घट-बढ़ रहा. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर के कारण तटबंधों पर खतरा बरकरार है. तटबंधों पर कटाव का खतरा देखते हुए 24 घंटे निगरानी की जा रही है. प्रशासन के अधिकारी मुस्तैदी बढ़ाते हुए ड्रोन से निगरानी कर रहे हैं.

नाव ही एक मात्र सहारा , आफत में पड़े ग्रामीण

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी खुद हर घंटे नदी के स्थिति का आकलन कर मॉनीटरिंग कर रहे हैं. वहीं तटबंधों पर दबाव के कारण इलाके के लोग भयाक्रांत भी है. उधर, सदर प्रखंड के भसही, धर्मपुर, सेमराही, मुंगरहा, निमुइया रामनगर, जगीरीटोला, कठघरवां, मकसुदपुर, मेहंदियां, निरंजना, रामपुर टेंगराही, खाप, सिहोरवां,कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनियां, सिधवलिया के बंजरिया, अमरपुरा, सत्तरघाट, प्यारेपुर, आशा खौरा, फैजुल्लाहपुर समेत कुल पीड़ित गांवों के लोग बाढ़ की थपेड़ों को झेलने को मजबूर हैं. रास्तों पर पानी भरने के कारण गांव में जाने का एक मात्र सहारा नाव ही बचा है. गांवों में घिरे लोग आफत में पड़े है.

बांधों को मोटरेबुल बनाने के लिए विभाग को अनुशंसा

देवापुर, भैसही-पुरैना, मंजा-मटियारी, पकहां-सत्तरघाट जैसे प्रमुख तटबंधों को मोटरेबुल करने के लिए जल संसाधन विभाग से डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने अनुशंसा की है. यूपी के अहिरौलीदान से विशुनपुर की तरह जीएसबी से मोटरेबुल कराने की बात कही गयी है. इससे आपात स्थिति में निबटना बहुत आसान हो जायेगा. नदी का मूड कब बदल जाये, कहा नहीं जा सकता. बांध पर वाहनों को सामान लेकर जाने लायक बनाना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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बारिश में बिगड़ रही पीड़ितों की हालत

नदी के पानी ने घर से निकालकर बांध पर रहने को मजबूर कर दिया. अब दो मीटर पॉलीथिन के नीचे परिवार बाल-बच्चों के साथ बांध पर समय काटना मुश्किल हो रहा. ऊपर से बारिश इनके लिए कम आफत नहीं है. बारिश के कारण बड़ी मुश्किल से पॉलीथिन के नीचे सिर को छुपा पा रहे. हालत यह है कि बारिश में भीगने के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी के चपेट में आ रहे है. कई लोगों को कोरोना का भी खतरा हो सकता है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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