कोसी बराज के तीन दर्जन फाटक खोले गये, नदियों में उफान से सुपौल, अररिया समेत कई जिलों में बाढ़ ने मचायी तबाही
कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के फलस्वरूप कोसी नदी के जलस्तर में शनिवार को भारी उछाल देखने को मिला. शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे कोसी का डिस्चार्ज बढ़ कर 02 लाख 31 हजार 655 क्यूसेक हो गया. शाम 06 बजे वीरपुर बराज पर कोसी का कुल डिस्चार्ज 01 लाख 89 हजार 755 क्यूसेक अंकित किया गया. वहीं नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज 01 लाख 12 हजार 600 क्यूसेक दर्ज किया गया. जलस्तर में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए कोसी बराज के तीन दर्जन फाटक को खोल दिया गया. इस मौसम में यह सबसे अधिक डिस्चार्ज है.
कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के फलस्वरूप कोसी नदी के जलस्तर में शनिवार को भारी उछाल देखने को मिला. शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे कोसी का डिस्चार्ज बढ़ कर 02 लाख 31 हजार 655 क्यूसेक हो गया. शाम 06 बजे वीरपुर बराज पर कोसी का कुल डिस्चार्ज 01 लाख 89 हजार 755 क्यूसेक अंकित किया गया. वहीं नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज 01 लाख 12 हजार 600 क्यूसेक दर्ज किया गया. जलस्तर में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए कोसी बराज के तीन दर्जन फाटक को खोल दिया गया. इस मौसम में यह सबसे अधिक डिस्चार्ज है.
पिपरा (सुपौल)-सिंहेश्वर (मधेपुरा) एनएच 106 पथ पर अमहा बौकू मध्य विद्यालय के समीप निर्माणाधीन पुल के डायवर्सन के तेज बारिश में बह जाने के कारण घंटों आवागमन बाधित रहा. डायवर्सन कटकर बह गया. इससे आवागमन बाधित हो गया और पुल के दोनों तरफ एनएच 106 पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. भारी वाहनों का आवागमन अब भी बाधित है.
कटिहार में महानंदा का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के निचले इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. रात तक महानंदा खतरे के निशान को पार कर जाने की आशंका है. ग्राम पंचायत शेखपुरा, सिकोरना, जाजा, तेतलिया, रिजवारपुर, शिकारपुर आदि पंचायतों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. मुखिया प्रतिनिधि एकबाल हुसैन ने बताया कि महानंदा खतरे के निशान को पार नहीं किया है. इसके बावजूद मंझोक, जीतवारपुर, कुजीबना, रतनपुर, नाजीरपुर का संपर्क अन्य जगहों से टूट गया है. सड़कों पर बाढ़ का पानी आ जाने से यातायात बंद हो गया है.
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अररिया में नूना नदी में आयी बाढ़ ने सिकटी प्रखंड की पररिया पंचायत के वार्ड संख्या 04 के कचना में एक दर्जन परिवार दूसरी जगह शरण लिये हुए हैं. इसमें सतन अली, कफीलुद्दीन, ऐनुद्दीन, मो तासिम, बौका, बीबी कलतान, नारायण मांझी, नेमचंद मांझी, फागु लाल मांझी के परिवार शामिल हैं. ये लोग गांव में बने एक खलिहान में शरण लिये हुए हैं. इधर, अररिया-जोकीहाट 327 ई मुख्य मार्ग के भंगिया डायवर्शन पर लगभग दो फीट पानी का बहाव होने से आवाजाही पूर्णतया ठप हो गया है. ऐसे में सड़क के दोनों तरह भारी वाहनों की लंबी कतार लगी रही.दूसरी ओर परमान नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ फारबिसगंज प्रखंड की पिपरा पंचायत के निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है. पिपरा पंचायत के कई हिस्सों में निकले इलाके में पानी फैलने के बाद प्रभावित लोगों ने बॉर्डर रोड पर अपना आशियाना बनाना प्रारंभ कर दिया है. पंचायत में बना बाढ़ आश्रय केंद्र में ताला जड़ा है.
नूना नदी की नयी धारा से सिकटी के पड़रिया वार्ड संख्या एक, 02, छह सालगोड़ी, तीन, चार, पांच कचना, अंसारी टोला में पानी घुस गया. दर्जनों परिवार दूसरी जगह शरण लिये हुए हैं. वार्ड दो के वार्ड सदस्य हसमुद्दीन ने बताया कि सालगोड़ी में बाढ़ से घिरे परिवारों को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. चारों ओर पानी ही पानी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan