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Bihar Flood: बिहार में गंडक नदी उफनायी, गोपालगंज के गांवों में दिखने लगा तबाही का मंजर, मचानों पर फंसी जिंदगी

गंडक नदी के कैचमेंट एरिया में नेपाल में भारी बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है. नदी में पानी के बढ़ते डिस्चार्ज को देखते हुए जल संसाधन विभाग का टेंशन फिर बढ़ने लगा है. पिछले शनिवार से नदी में पानी का डिस्चार्ज 1.41 लाख से नीचे नहीं गया. गुरुवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 2.80 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया है, जबकि खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर नदी बहने लगी. नदी का बढ़ते जल स्तर अगले 24 घंटे में गोपालगंज जिले में तबाही मचाने को अातुर हो गया है. शुक्रवार की दोपहर से निचले इलाकों में एक मीटर तक पानी के बढ़ने के आसार बने हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2021 11:44 AM

गंडक नदी के कैचमेंट एरिया में नेपाल में भारी बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है. नदी में पानी के बढ़ते डिस्चार्ज को देखते हुए जल संसाधन विभाग का टेंशन फिर बढ़ने लगा है. पिछले शनिवार से नदी में पानी का डिस्चार्ज 1.41 लाख से नीचे नहीं गया. गुरुवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 2.80 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया है, जबकि खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर नदी बहने लगी. नदी का बढ़ते जल स्तर अगले 24 घंटे में गोपालगंज जिले में तबाही मचाने को अातुर हो गया है.

निचले इलाकों में एक मीटर तक पानी के बढ़ने के आसार

शुक्रवार की दोपहर से निचले इलाकों में एक मीटर तक पानी के बढ़ने के आसार बने हुए हैं. नदी के रुख को देखते हुए पीड़ित क्षेत्र के लोगों से अपील की जा रही है कि वे घर को छोड़कर सुरक्षित स्थलों पर चले जाएं. प्रशासन की ओर से विस्थापितों के रहने के लिए आश्रय स्थल का चयन किया गया है. आश्रय स्थल पर सामुदायिक किचेन आदि का इंतजाम किया गया है. वैसे बांध पर भी जो लोग शरण लिये हैं, उनके लिए शौचालय आदि तक इंतजाम कराया गया है.

छह प्रखंडों के 43 गांवों में नाव का सहारा

जिले के छह प्रखंडों के निचले इलाके के लगभग 43 गांवों में गंडक नदी ने पिछले 15 जून से तबाही मचा रखी है. तीसरी बार पानी का डिस्चार्ज 2.80 लाख क्यूसेक को पार कर चुका है. इससे शुक्रवार को गांवों में तेजी से पानी बढ़ेगा और नाव से भी गांव से निकल पाना मुश्किल हो सकता है. लोगों के घरों में पानी फैला हुआ है. कभी पानी कम हो रहा है, तो बढ़ कर घरों में घुटने भर पहुंच जा रहा है. रास्तों पर पानी भरने के कारण गांव में जाने का एकमात्र सहारा नाव ही बची है. घरों में घिरे लोगों को राशन, पानी का इंतजाम भी नाव के सहारे ही हो रहा है.

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दो मीटर पॉलीथिन के लिए तरस रहे पीड़ित

गंडक नदी के बाढ़ में बैकुंठपुर के पकहा वार्ड नं 12 के बाढ़ से ब्रजकिशोर राय का घर ध्वस्त हो चुका है. छोटे-छोटे बच्चों को लेकर उनकी पत्नी लाचार बनी हुई है. प्रशासन की ओर से दो मीटर पॉलीथिन तक नसीब नहीं हुआ है. खुले आसमान के नीचे गुजर कर रही है. आंखों में आंसू लिए भाग्य को कोस रही है. नीचे नदी की पानी, तो ऊपर से बारिश कहर बनकर बरस रही है. वहीं प्यारेपुर गांव बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है. गांव में चारों ओर पानी है. लोग तटबंध पर खुले आसमान के नीचे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं. सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी समाहित होने से लोगों का जीवन तबाह होकर रह गया है.तटबंध व ऊंचे स्थानों पर शरण लिये लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. खाने-पीने से लेकर शौच करने तक की व्यवस्था नदारद है. जैसे-तैसे लोग समय काट रहे हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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