Bihar Flood 2020: बाढ़ से घिरा एक ऐसा गांव, जहां खुद नाव चलाकर ग्रामीणों को ले जाती हैं उनकी वार्ड सदस्य…
सहरसा: कोसी बैराज से छोड़े जा रहे पानी और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बनमा ईटहरी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है. पानी ने इलाके की सड़कों को विलुप्त कर दिया है. वहीं प्रखंड मुख्यालय के सहुरिया पंचायत का हराहरी राम टोला बाढ़ से पूरी तरह घिर चुका है. वार्ड संख्या 17 के राम टोला के लोगों की हालत और अधिक बदतर हो चुकी है. आवागमन की समस्या का हाल ऐसा है कि उनके लिए आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है. तिलावे नदी महज पांच फीट की दूरी पर है. जिस कारण लोग भय के साये में जी रहे हैं. इस मुसिबत की घड़ी में उनके लिए सबसे बड़ी सहारा बनकर उनके साथ अभी उनकी वार्ड सदस्य उर्मिला देवी हैं. जिन्होंने उन्हें गांव से मुख्य सड़क पर जाने और वहां से वापस लाने की जिम्मेदारी खुद ले रखी है.
सहरसा: कोसी बैराज से छोड़े जा रहे पानी और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बनमा ईटहरी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है. पानी ने इलाके की सड़कों को विलुप्त कर दिया है.वहीं प्रखंड मुख्यालय के सहुरिया पंचायत का हराहरी राम टोला बाढ़ से पूरी तरह घिर चुका है. वार्ड संख्या 17 के राम टोला के लोगों की हालत और अधिक बदतर हो चुकी है. आवागमन की समस्या का हाल ऐसा है कि उनके लिए आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है. तिलावे नदी महज पांच फीट की दूरी पर है. जिस कारण लोग भय के साये में जी रहे हैं.
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मुसिबत की घड़ी में खुद नाव चलाकर लोगों को ले जाती हैं वार्ड सदस्य उर्मिला देवी
इस मुसिबत की घड़ी में उनके लिए सबसे बड़ी सहारा बनकर उनके साथ अभी उनकी वार्ड सदस्य उर्मिला देवी हैं. जिन्होंने उन्हें गांव से मुख्य सड़क पर जाने और वहां से वापस लाने की जिम्मेदारी खुद ले रखी है. उर्मिला देवी ने केवल जनप्रतिनिधि होने का फर्ज ही नहीं उठाया है बल्कि एक अनोखा उदाहरण भी लोगों के बीच पेश किया है. दरअसल, गांव के लोगों को यदि मुख्य सड़क पर जाना होता है तो वो वार्ड सदस्य उर्मिला देवी को फोन करते हैं. उर्मिला देवी उनके लिए अपना जान जोखिम में डालकर खुद नाव चलाकर आती हैं. लगभग तीन किलोमीटर के होने वाले यात्रा के बाद लोगों को मुख्य सड़क तक और फिर उतनी ही दूरी तय कर उनके गांव पहुंचाया जाता है. इस दौरान वे लोगों से एक रुपये भी नहीं लेती हैं. बताया जाता है कि ऐसा वह सप्ताह भर से कर रही हैं.
कई साल पहले डीएसपी की हुई थी हत्या, अब नहीं कोई आते कोई भी पदाधिकारी
उर्मिला देवी ने बताया कि हर साल बाढ़ आने से इस गांव की स्थिति काफी भयावह हो जाती है. खासकर पशुपालकों को काफी परेशानी होती है. बाढ़ आने के बाद यहां के पशुपालकों को अपने पशु को लेकर पलायन करना पड़ता है. यह इलाका काफी संवेदनशील है. हालत ऐसी है कि यहां कोई भी पदाधिकारी जल्दी नहीं आ पाते हैं. वजह पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसी जगह आज से कई साल पहले सतपाल सिंह डीएसपी की हत्या हुई थी. पूरा इलाका उस समय पुलिस छावनी में तब्दील था. आज भी खासकर मक्का खेती के समय इस इलाके में बदमाशों का बोलबाला रहता है. इस वजह से यहां कोई भी पदाधिकारी नहीं आ पाते हैं.
पानी पीने के लिए नाव के सहारे चापाकल से निकालते हैं पानी
उन्होंने बताया कि अधिकतर सड़कों पर पानी बह रहा है. परसाहा जाने वाली सड़क पर पानी के करंट की तीव्रता काफी तेज है. सारे पुल पुलिया पानी में बह चुके है. कई जगह टूट कर बिखर गये, तो कहीं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े हैं. राम टोला में बाढ़ के पानी से बचने के लिए छोटे-छोटे बच्चे दिन भर घर के छप्पर पर रहते हैं. पानी पीने के लिए संघर्ष कर नाव के सहारे चापाकल से पानी निकालते हैं एवं बर्तन धोते हैं. शौचालय की काफी दुर्गम स्थिति है. सड़कों पर बहते पानी से लोग आवाजाही कर रहे हैं, जिससे कभी भी घटना हो सकती है.
उर्मिला देवी ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार
उर्मिला देवी ने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए कहा है कि उनके गांव की हालत काफी गंभीर है. प्रशासन से उन्होंने मदद की गुहार लगाई है. वहीं ग्रामिणों ने भी कहा कि हालत अब और बुरी होने वाली है. अब तक प्रशासन ने हमलोगों के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. हमलोगों के लिए खाने-पीने के लिए लाले पड़ रहे हैं. अनाज भींग गये हैं. चारों तरफ पानी घिर गया है. घरों में पानी है.
जिलाधिकारी ने नाव के व्यवस्था करने की कही बात…
वहीं अंचलाधिकारी अक्षय वट तिवारी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सहुरिया पंचायत के मुखिया मंजूदल हसन से मैंने फोन के माध्यम से बात की. उनको कहा है कि जिनके पास हराहरी राम टोले में नाव है. उन सभी की सूची बनाकर हमें दें. उन सभी का निबंधन कर वहां के लोगों के लिए नाव की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही जो समस्या है, उन समस्याओं का भी निदान किया जायेगा.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya