घर में निकला 10 फुट लंबा अजगर, घरवालों के उड़े होश
वीटीआर वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर क्षेत्र से सटे रिहाइशी इलाकों में वन्यजीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
वाल्मीकिनगर. वीटीआर वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर क्षेत्र से सटे रिहाइशी इलाकों में वन्यजीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सांप और मगरमच्छ किस्म के सरीसृप आये दिन रिहाइशी क्षेत्रों में निकल रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. इसी क्रम में बीती रात वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र हवाई अड्डा के समीप राम अवध सिंह कुशवाहा के घर में वन क्षेत्र से निकल कर लगभग 10 फीट लंबा अजगर जा पहुंचा. जिसे देखते ही घर के लोगों में भय के मारे भगदड़ मच गयी.
गृहस्वामी के द्वारा इसकी सूचना वन क्षेत्र कार्यालय को दी गयी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र पदाधिकारी महेश प्रसाद ने वनपाल विजय पाठक के नेतृत्व में तत्काल वन कर्मियों की टीम को घटनास्थल पर रवाना किया. जहां पहुंचकर घंटों की मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने अजगर को सुरक्षित पकड़ जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया. इस बाबत वनपाल ने बताया कि लगातार हुई बारिश के बाद वन क्षेत्र से सरीसृप प्रजाति के जीव रिहाइशी क्षेत्र का रुख कभी-कभी कर लेते हैं.
बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगली क्षेत्र को गंडक नदी के कटाव से बचाने के लिए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दिया है. वीटीआर प्रशासन ने जल संसाधन विभाग को जंगल को बचाने के लिए पक्का कटावरोधी कार्य कराने को कहा है. इस संबंध में वीटीआर प्रशासन की ओर से त्राहिमाम पत्र भेजा गया है. जिसमें बताया गया है कि पिछले एक सप्ताह के अंदर जैसे जैसे गंडक नदी में पानी कम हो रहा है. वैसे वैसे जंगल क्षेत्र में कटाव की रफ्तार तेज होता जा रहा है. दो दिनों के अंदर गंडक नदी के कटाव से करीब एक सौ पचास मीटर के दायरे में जंगल क्षेत्र नदी में विलीन हो चुका है. इस दौरान सैकड़ों पेड़ पौधे गंडक नदी की तेज धारा में बह गये हैं.