किसान का बेटा बना वायु सेना में अफसर, ऐसे तय किया यहां तक का सफर

Bihar Youth Become IAF Officer बिहार के भोजपुर जिले सुंदरपुर बरजा गांव के निवासी 28 वर्षीय बलबांका तिवारी ने वायु सेना में अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कई मुश्किलों का सामना किया है. वायु सेना में अधिकारी बनने के लिए उन्होंने उड़ीसा में एक स्नैक फैक्टरी में 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आमदनी करने के लिए भी काम किया. शनिवार उनके लिए खास दिन था. इस दिन गया में आयोजित वायु सेना के पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के बाद तिवारी ने अपने तीन माह के बच्ची से पहली बार मुलाकात की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2020 8:58 PM

Bihar Youth Become IAF Officer बिहार के भोजपुर जिले सुंदरपुर बरजा गांव के निवासी 28 वर्षीय बलबांका तिवारी ने वायु सेना में अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कई मुश्किलों का सामना किया है. वायु सेना में अधिकारी बनने के लिए उन्होंने उड़ीसा में एक स्नैक फैक्टरी में 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आमदनी करने के लिए भी काम किया. शनिवार उनके लिए खास दिन था. इस दिन गया में आयोजित वायु सेना के पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के बाद तिवारी ने अपने तीन माह के बच्ची से पहली बार मुलाकात की.

एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, तिवारी ने वायु सेना में अफसर बनने तक के अपने सफर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस दिन को देखने के लिए हमने बहुत मुश्किलों का सामना किया है. उन्होंने बताया कि हाई स्कूल तक की अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने स्नैक फैक्टरी में पचास रुपये प्रतिदिन आय के लिए काम किया. इतना ही नहीं, हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की अपनी पढ़ाई जारी रखने और परिवार के खर्चे के लिए आय की खातिर ट्यूशन टीचर भी बने.

तिवारी ने बताया कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. मेरे पिता किसान थे और हमारा ज्वाइंट परिवार था. उन्होंने बताया कि हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुझे 2008 में परिवार के खर्च और अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए उड़ीसा के राउड़केला जाना पड़ा. जहां कुछ महीनों के लिए मैंने पहली नौकरी एक फिटिंग फैक्टरी में की और फिर इंटर की पढ़ाई पूरी करने तक एक स्नैक फैक्टरी में काम किया. उसके बाद मैंने उड़ीसा को छोड़ दिया.

तिवारी ने बताया कि हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के बाद मैंने परिवार के खर्च को पूरा करने के लिए ट्यूशन का भी सहारा लिया. उन्होंने बताया कि इंटर की परीक्षा पास करने के बाद एक लोकल कॉलेज में बीए की पढ़ाई पूरी करने के लिए अपना नामांकन करवाया था. इसी दौरान एक दिन मेरे चाचा का फोन अाया और उन्होंने बताया कि मैं पटना स्थित दानापुर एरिया में आर्मी की बहाली होने वाली है. इस परीक्षा में शामिल होने के बाद मैंने वायु सेना के लिए सेलेक्ट कर लिया गया.

भोपाल में अपनी सेवा के दौरान मुझे प्रोमोशन मिला और मैं अधिकारी लेवल के लिए सेलेक्ट हो गया. इसके बाद मैंने जनवरी 2017 में आईएमए (एसीसी) के लिए ज्वाइन किया. अफसर बनने के बाद शनिवार को अपनी तीन महीने की बेटी से पहली मुलाकात के दौरान तिवारी बहुत खुश दिखे. उन्होंने कहा, वायु सेना में नौकरी करते हुए देश की सेवा करने को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं. अपने पिता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने अपने पिता के सपनों को भी पूरा किया है.

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