बक्सर : बिहार में बक्सर के सिमरी प्रखंड की बलिहार पंचायत अंतर्गत नगपुरा गांव के समीप बीस के डेरा गंगा घाट पर स्नान करने के दौरान तीन युवकों की डूबने के कारण मौत हो गयी. घटना की सूचना अचानक मिलते ही गांव में कोहराम मच गया. जानकारी के मुताबिक, हादसा रविवार की अहले सुबह की है. बताया जा रहा है कि मंझवारी गांव के दस युवक पांच बाइक से सवार होकर बीस के डेरा गंगा घाट पर स्नान करने के लिए गये थे, जिसमें तीन युवक की मौत डूबने के कारण हो गयी.
मृतक की पहचान मंझवारी गांव निवासी अश्विनी वर्मा (मठु) उम्र 22 वर्ष पिता महेंद्र प्रसाद वर्मा, रणविजय पाठक अंकील उम्र 21 वर्ष पिता गुंजन पाठक एवं प्रदीप श्रीवास्तव (सोनू) उम्र 35 वर्ष पिता बबुआ लाल श्रीवास्तव के रूप में हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तीनों युवक स्नान करने के दौरान आपस में सेल्फी लेने लगे. जिस कारण तीनों युवक गहरे पानी में चले गये.
इस दौरान अन्य साथियों की नजर अपने डूबते हुए दोस्तों पर पड़ी तो बचाने का अथक प्रयास किया गया, लेकिन असफल रहे. इसके बाद शोरगुल के बीच कुछ साथियों ने दौड़कर ग्रामीणों को घटना के बारे सूचना दी. मौके पर पहुंचकर ग्रामीण बचाव कार्य में जुट गये, लेकिन तब तक तीनों युवक डूब चुके थे. आनन-फानन में ग्रामीणों ने स्थानीय थाना को सूचना दी.
घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष जुनैद आलम पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. इसके बाद डूबे युवकों की खोजबीन के लिए महाजाल लगाया गया. घंटों बाद ग्रामीणों एवं नाविकों के प्रयास से एक युवक की लाश गंगा नदी से निकाला गया. अन्य दो की तलाश जारी है. इधर, जैसे ही घटना की सूचना मृतक के परिजन एवं गांव वालों की मिली. सभी दहाड़ मारकर रोने बिलखने लगे और गंगा की तरफ दौड़ पड़े.
मृतक के गांव मंझवारी में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. गांव की गलियां सूनी पड़ी है. ग्रामीण इतना हतप्रभ एवं दुःखी है कि पूरे गांव में चूल्हा तक नहीं जला है. घटना की सूचना पाकर घटनास्थल पर अनुमंडल पदाधिकारी हरेंद्र राम, प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार सिंह, अंचलाधिकारी अमोद राज पहुंचकर शव की तलाश करवाने में जुटे हुए हैं. अन्य दो लाशों के खोज में गंगा नदी में महाजाल लगाया गया है. लेकिन, खबर लिखे जाने तक तक सफलता नहीं मिली थी. पटना से गोताखोर को बुलाया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि अश्विनी एवं रणविजय काफी होनहार एवं कुशाग्र बुद्धि के छात्र थे. इनका इस तरह का असामयिक निधन परिजनों एवं गांव के लिए अपूरणीय क्षति है. ग्रामीणों का मानें तो मृतक सोनू की शादी दो वर्ष पूर्व हुई थी. उनके दो माह का एक बच्चा है. इस तरह नवजात शिशु को असहाय छोड़ कर चले जाने से परिजन बदहवास हैं.