BJP नेताओं से हैं अच्छे संबंध, बिहार में बनवा देंगे राज्यपाल कोटे से MLC, और बाप-बेटे ने मिलकर ठग लिए 60 लाख रुपये…
एमएलसी बनाने के नाम पर 60 लाख धोखाधड़ी से उगाही करने वाला पुरनहिया थाना क्षेत्र के चिरैया गांव निवासी मुख्य आरोपी अनिश कुमार के सहयोगी पिता वशिष्ठ नारायण झा को शिवहर के श्यामपुर भटहां थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि अनिश कुमार के गिरफ्तारी हेतु छापेमारी जारी है.
एमएलसी बनाने के नाम पर 60 लाख धोखाधड़ी से उगाही करने वाला पुरनहिया थाना क्षेत्र के चिरैया गांव निवासी मुख्य आरोपी अनिश कुमार के सहयोगी पिता वशिष्ठ नारायण झा को शिवहर के श्यामपुर भटहां थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि अनिश कुमार के गिरफ्तारी हेतु छापेमारी जारी है.
श्यामपुर भटहां थाना अध्यक्ष विजय कुमार यादव ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि 35 लाख रुपए नकद देने एवं 25 लाख रुपए चेक द्वारा दिए जाने की बात कहीं गई है. घटना के बाबत फुलकाहा निवासी चंद्रभूषण त्रिवेदी के पुत्र रितेश कुमार त्रिवेदी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसको लेकर एसपी डॉक्टर संजय भारती के निर्देश के आलोक में पुलिस ने उक्त कार्रवाई की है.
पुरनहिया प्रखंड के चिरैया गांव निवासी अनीश कुमार एवं उसके पिता वशिष्ठ नारायण झा का पीड़ित के घर आना-जाना था. वे परिवार के सदस्यों से काफी घुलमिल गए थे.इसी क्रम में अनीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के सदस्य होने एवं उस पार्टी में बड़े-बड़े नेताओं से अपना संबंध होने की चर्चा करते हुए मोबाइल एवं व्हाट्सएप पर बात करने के द्वारा अपनी पहुंच एवं पद का विश्वास दिलाया. अगस्त 2020 के मध्य में पिता पुत्र दोनों रितेश के घर गए. बोले कि राज्यपाल कोटा से एमएलसी के पद पर कुछ लोगों की नियुक्ति होने वाली है.
झांसा देते हुए आरोपित ने कहा कि वे रितेश को भी एमएलसी बनवा देंगे. लेकिन पार्टी के विभिन्न सामाजिक कार्य हेतु 60 लाख चंदा के रूप में देना होगा. पैसा किस्तों में दी जा सकती है. पिता पुत्र ने रितेश को विश्वास में लिया. रितेश ने उन्हें 19 सितंबर 2020 से 7 जनवरी 2021 तक विभिन्न तिथियों में रुपए उपलब्ध कराया. अनीश एवं उसका पिता 35 लाख रुपया भुगतान प्राप्त करने के बाद बोला कि एमएलसी का नाम प्रकाशित होने वाला है. बाकी का रुपया जल्द दीजिए.
कैश उपलब्ध नहीं रहने के कारण अनिश कुमार ने कहा 25 लाख रुपए चेक से दीजिए. एमएलसी में आपका नाम प्रकाशित होने के बाद उक्त चेक को भजाया जाएगा. तब पीड़ित ने एचडीएफसी बैंक का चेक दिया. किंतु जब एमएलसी में नाम प्रकाशित नहीं हुआ तो रितेश ने पैसे की मांग की. तो अनीश कुमार टालमटोल करते रहे. अनीश के पिता ने आश्वासन दिया कि जल्दी चेक व राशि वापस कर दिए जाएंगे. रुपए दूसरे काम में खर्च हो गये है और चेक को सिक्योरिटी के रूप में रखकर पैसा प्राप्त किये हुए हैं.
इस बीच रुपए देने को लेकर पिता-पुत्र टालमटोल करते रहे. ऐसे में पीड़ित को महसूस हो गया कि धोखा से रुपया हजम कर गए हैं.उसके बाद 1 7 फरवरी 2021 को अधिवक्ता के माध्यम से भुगतान हेतु पीडित ने उन्हें नोटिस दिया. जिसका उत्तर उन्होंने स्पष्ट नहीं दिया. उसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई जिसके आलोक में कार्रवाई की गई है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan