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बिहार के ठेकेदार सहित 12 मजदूरों को भूटान में बनाया बंधक

सीवान : रोजगार के लिए भूटान गए बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज के 12 मजदूरों को बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है. इसके बाद मजदूरों ने व्हाट्सएप के माध्यम से अपने घरवालों से न्याय दिलाने की गुहार लगायी हैं. भूटान में फंसे कई मजदूरों ने दूरसंचार पर भी अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनसे दिन-रात कड़ी मेहनत कराई जा रही है. इससे वे बीमार हो गए हैं. बावजूद उनको घर नहीं लौटने दिया जा रहा है न ही इलाज हो रहा है. और तो और उनको दो वक्त का भोजन भी नहीं मिल रहा हैं. यहां लोग बड़ी मुश्किल और भूखमरी के बीच अपने दिन काट रहे हैं. बंधक बने ठेकेदार विनय कुमार ने घरवालों से फोन पर संपर्क कर उनकी वापसी के लिए गुहार की है.

सीवान : रोजगार के लिए भूटान गए बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज के 12 मजदूरों को बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है. इसके बाद मजदूरों ने व्हाट्सएप के माध्यम से अपने घरवालों से न्याय दिलाने की गुहार लगायी हैं. भूटान में फंसे कई मजदूरों ने दूरसंचार पर भी अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनसे दिन-रात कड़ी मेहनत कराई जा रही है. इससे वे बीमार हो गए हैं. बावजूद उनको घर नहीं लौटने दिया जा रहा है न ही इलाज हो रहा है. और तो और उनको दो वक्त का भोजन भी नहीं मिल रहा हैं. यहां लोग बड़ी मुश्किल और भूखमरी के बीच अपने दिन काट रहे हैं. बंधक बने ठेकेदार विनय कुमार ने घरवालों से फोन पर संपर्क कर उनकी वापसी के लिए गुहार की है.

इस संबंध में उनके घरवालों ने महाराजगंज भाजपा के पूर्व विधायक डॉ कुमार देवरंजन सिंह से गुहार लगायी है. तरवारा थाने के रौजा गौर निवासी ठेकेदार विनय कुमार के साथ अन्य 11 लोग जो कि महाराजगंज के विशुनपुर महुआरी निवासी कंचन राम, राजेश राम, कौशल कुमार राम, सुनील कुमार राम के अलावे अनुमंडल क्षेत्र के अन्य 8 मजदूर शामिल हैं.

भूटान में बंधक बनाए गए मजदूर कौशल कुमार राम की पत्नी चंपा देवी ने बताया कि मेरे पति के अलावे गांव के ही अन्य लोग इसी साल फरवरी माह में ठेकेदार विनय कुमार के साथ भूटान के लुंची स्थित तांबी में राजमिस्त्री का काम करने गए थे. जिसके बाद उन्हें बंधक बना लिया गया. उनका कहना है कि तकरीबन सात माह बीत जाने के बावजूद मजदूर अपने घर नहीं लौटे हैं. जबकि, वहां मजदूरों को मात्र तीन माह के लिए ही ले जाया गया था. उन्हें मजदूरी की रकम नहीं दी जा रही हैं.

बताया कि सभी लोगों से दिनरात काम कराया जा रहा है. कौशल कुमार राम बीमार है. बावजूद इलाज नहीं कराया जा रहा है. इधर मजदूरों के परिजनों की गुहार पर पूर्व विधायक डॉ कुमार देवरंजन सिंह ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

डेढ़ माह पूर्व परमात्मा रावत की लौटी थी शव

महाराजगंज प्रखंड के रढ़िया निवासी परमात्मा रावत की शव तकरीबन डेढ़ माह पूर्व भूटान से लौटी थी. गौरतलब हो कि परमात्मा रावत भी इन्हीं मजदूरों के साथ वहां राजमिस्त्री का काम किया करता था. हालांकि एक हादसे में 5 मई को उसकी मृत्यु हो गयी थी.

पूर्व विधायक की पहल पर लौटी थी परमात्मा रावत की शव

हादसे में मृतक की शव वतन लाने के लिए पत्नी सीमा देवी अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक 3 माह तक चक्कर काट-काटकर थक चुकी थी. जिसके बाद पूर्व विधायक डॉ कुमार देवरंजन सिंह ने पीड़िता की मदद के लिए भूटान में भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में रहें. आखिरकार पूर्व विधायक की पहल से मृतक के शव उनके परिजनों को सौंपा गया था.

Upload By Samir Kumar

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