बीच शहर में मगरमच्छ के पहुंचने से मचा हडकंप, दो लोगों को किया जख्मी…
बेतिया: वीटीआर के वन क्षेत्रों से वन्यजीवों का भटकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन कभी सांप तो कभी मगरमच्छ रिहाइशी क्षेत्रों में उत्पात मचाये हुए हैं. इसी क्रम में सोमवार की अहले सुबह करीब तीन बजे गंडक नदी के बाढ़ में बहकर एक मगरमच्छ नगर परिसर बगहा के वार्ड नंबर 13 नरईपुर मोहल्ला निवासी विनोद यादव के दरवाजे तक पहुंच गया.
बेतिया: वीटीआर के वन क्षेत्रों से वन्यजीवों का भटकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन कभी सांप तो कभी मगरमच्छ रिहाइशी क्षेत्रों में उत्पात मचाये हुए हैं. इसी क्रम में सोमवार की अहले सुबह करीब तीन बजे गंडक नदी के बाढ़ में बहकर एक मगरमच्छ नगर परिसर बगहा के वार्ड नंबर 13 नरईपुर मोहल्ला निवासी विनोद यादव के दरवाजे तक पहुंच गया.
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घर के बाहर बैठे बकरी के दो मेमनों पर हमला
जहां घर के बाहर बैठी बकरी के दो मेमनों पर हमला कर मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया. वहीं मेमने की चिल्लाने की आवाज सुन परिजन घर से निकले तो देखा कि मगरमच्छ बकरी के मेमने को अपना शिकार बनाकर घर के बाहर डेरा जमाया हुआ है. गृहस्वामी विनोद यादव व परिजन मगरमच्छ को देख हो हल्ला करने लगे.
मगरमच्छ को देख लोगों में मचा हड़कंप
उनकी आवाज सुनकर अगल बगल के लोग इकट्ठा हो गये. मगरमच्छ को देख लोगों में हड़कंप मच गया. मोहल्लेवासी अपने सूझ बूझ के साथ मगरमच्छ को पकड़ने का प्रयास करने लगे. जिस दौरान मगरमच्छ को पकड़ रहे चार लोगों में से दो लोग पारस यादव एवं विरेंद्र यादव घायल हो गये. वहीं घंटों की मशक्कत के बाद लोगों ने मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ रस्सी से बांध दिया एवं पास के ही एक गड्ढे वाले खेत में छोड़ दिया.
वनकर्मियों ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया
सुबह होते ही मोहल्लेवासियों ने इसकी सूचना बगहा वन क्षेत्र कार्यालय को दी. इस बाबत बगहा वन क्षेत्र पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि सूचना के आलोक में वनपाल अरविंद दुबे के नेतृत्व में वनकर्मियों की एक टीम गठित कर घटनास्थल पर भेजी गयी. जहां से वनकर्मियों ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लेकर कार्यालय परिसर में लाया.
मगरमच्छ को जांच पड़ताल के बाद गंडक नदी में छोड़ दिया गया
रेंजर ने बताया कि मगरमच्छ को जांच पड़ताल के बाद गंडक नदी में छोड़ दिया गया. वहीं स्थानीय विनय यादव, धनु यादव, लुटाई यादव, राजा यादव आदि ने बताया कि गड़क नदी का पानी गांव के समीप आने से लोगों में दहशत व्याप्त हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी में मगरमच्छ एवं अन्य जानवरों की आने की आशंका बढ़ गयी है. बता दें कि बीत तीन दिन पूर्व वनकर्मियों की टीम ने खरपोखरा स्टेशन के समीप सभी एक मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा था.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya