दोनों खिलाड़ियों का फुटबॉल खेल में एक बड़ा नाम है. ये दोनों राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली संतोष ट्रॉफी, सुब्रत कप तथा मोइनुल हक स्टेडियम, पटना में आयोजित राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने प्रतिभा का प्रदर्शन कर प्रखंड, जिला व राज्य का नाम रोशन किया़ लेकिन वर्तमान में इन प्रतिभावान खिलाड़ी अभाव में जीने को मजबूर हैं. अपना गुजार बसर करने के लिए मवेशियों के लिए घास काट रहे हैं. किसानों के खेतों में दैनिक मजदूरी व अन्य छोटे-मोटे काम कर रहे है.
ये खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. खिलाड़ियों की ओर से लगातार सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि उनकी ओर सरकार ध्यान दें और जो योजनाएं चल रही है उन योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द उन्हें मिले़ लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं जा सका है.ये खिलाड़ी भूखमरी की कगार पर है. घर का गुजर-बसर करने के लिए आदिवासी समुदाय के ये दोनों खिलाड़ी खेतों में हल चलाने को भी विवश हैं.
कोरोना काल से पूर्व ये दोनों खिलाड़ी पश्चिम बंगाल की बड़ी बड़ी टीमों के लिए खेले थे और कमर्शियल प्रतियोगिता में भाग लेकर एक अच्छी खासी रकम भी अर्जित करते थे़. लेकिन कोरोना महामारी के कारण फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन नहीं होने से इनकी ऐसी स्थिति उपन्न हुई हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan