Bihar Weather Effect: यूपी-बिहार को जोड़ने वाली जयप्रभा सेतु की एप्रोच सड़क हुई ध्वस्त, भारी वाहनों के आवागमन पर रोक
यास तुफान के प्रभाव के कारण तेज हवा के साथ हो रही लगातार बारिश से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसके कारण हुए कटाव से जयप्रभा सेतु के दक्षिणी मुहाने पर सड़क ध्वस्त हो गयी. उतर प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाला यह अति महत्वपूर्ण पुल है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर मांझी घाट के समीप यूपी-बिहार को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला जयप्रभा सेतु का दक्षिणी एप्रोच मार्ग अत्यधिक वर्षा की वजह से बुरी तरह कटकर ध्वस्त हो गया है. फिलहाल दोनों प्रदेशों की पुलिस ने सेतु होकर भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी है.
यास तुफान के प्रभाव के कारण तेज हवा के साथ हो रही लगातार बारिश से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसके कारण हुए कटाव से जयप्रभा सेतु के दक्षिणी मुहाने पर सड़क ध्वस्त हो गयी. उतर प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाला यह अति महत्वपूर्ण पुल है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर मांझी घाट के समीप यूपी-बिहार को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला जयप्रभा सेतु का दक्षिणी एप्रोच मार्ग अत्यधिक वर्षा की वजह से बुरी तरह कटकर ध्वस्त हो गया है. फिलहाल दोनों प्रदेशों की पुलिस ने सेतु होकर भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी है.
बढ़ता जा रहा कटाव का दायरा
जयप्रभा सेतु के दक्षिणी मुहाने पर लगभग पचास मीटर के ब्यास में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है. पीच के नीचे का भाग पूरी तरह खोखला हो गया है. शादी विवाह से लौट रहे चारपहिया अथवा छोटे वाहनों को रोक-रोक कर सुरक्षित तरीके से पार कराया जा रहा है. सेतु से होकर बह रहा पानी कटाव वाले स्थान पर लगातार गिर रहा है, जिससे सड़क पर कटाव का दायरा और भी बढ़ता चला जा रहा है. बरसात यदि लगातार जारी रहा तो शाम तक चारपहिया को कौन कहे बाइक व पैदल आने जाने की भी संभावना खत्म हो जायेगी. सेतु के उपर भी जबरदस्त जल जमाव हो गया है. कही-कही पांच से छह इंच तक जलजमाव है.
सेतु की सुरक्षा पर भी खतरा
सेतु की छत से पानी नीचे गिराने के लिए बने नली के मुहाने पर मिट्टी जमा हो जाने से पानी भर गया है. पानी जमा होने की वजह से सेतु की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है. सेतु के उत्तरी मुहाने पर भी एप्रोच सड़क धंस गयी है तथा बिहार प्रशासन द्वारा लगाया गया प्रवेश द्वार लटक कर टेढ़ा हो गया है. प्रवेश द्वार के भी गिरने का खतरा बढ़ गया है. सेतु का मुहाना ध्वस्त होने की वजह से दोनों तरफ सैकड़ों लोडेड भारी वाहन फंस गये हैं. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बर्षा थमने के बाद ही ध्वस्त एप्रोच सड़क का निर्माण संभव है.
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जान जोखिम में डालकर छोटे वाहन वाले आ-जा रहे
सड़क टूटने से बड़े वाहनों का आवागमन ठप हो गया है. बारिश के पानी की तेज धार से उतर प्रदेश के हिस्से में सेतु-सड़क के दोनों साइड में कटाव जारी है. अब सड़क के बीच मे ही थोड़ा-सा हिस्सा बचा है, जिससे होकर छोटे वाहन खतरा मोल कर गुजर रहे हैं. प्रतिदिन आवश्यक वस्तुओं समेत सब्जी आदि की ढुलाई करने वाले वाहन उतर प्रदेश से जयप्रभा सेतु के रास्ते होकर ही मांझी समेत अन्य जगहों पर पहुंचते हैं. सेतु के मुहाने के ध्वस्त होने पर वाहनों का आवागमन ठहर गया है, जिससे लॉकडाउन में लोगों की मुसीबत और बढ़ गई है.
39 वर्ष पूर्व हुआ था शिलान्यास
वर्ष 1979 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चंद राम ने पुल का शिलान्यास किया था. उस समय इसकी सेतु निर्माण का लागत खर्च साढ़े ग्यारह करोड़ था. आठ साल बाद 1987 में उतर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह ने 1160 मीटर लंबे पुल का कार्य शुभारंभ किया. उस समय इस कि लागत 26 करोड़ रुपये था. पूर्व प्रधानमंत्री चंदशेखर के अथक प्रयास से वर्ष 2000 में इस पुल पर आवागमन चालू किया गया. पुल के बनते- बनते इसकी लागत लगभग 40 करोड़ रुपये हो गयी. जय प्रभा सेतु जिसके उद्धघाटन की औपचारिकता आज तक पूरी नही हुई. इस पुल से सैकड़ो छोटे-बड़े वाहनो का परिचालन होता हैं. सरयू नदी पर बना यह सेतु आजकल शराब तस्करी तथा आत्महत्या व दुर्घटना जोन के रूप में खास तौर पर चर्चित है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan