किशनगंज जिले के बहादुरगंज, टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, ठाकुरगंज और कोधामन प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ के कहर से आमजन परेशान हैं.बहादुरगंज प्रखंड के केकाहाट महेशबथना वार्ड संख्या 8 के दो सौ से अधिक लोग बाढ़ के पानी से घिरने के बाद त्राहिमाम हैं. कई गांवों में घरों में पानी प्रवेश कर गया है.
लोगों ने जानमाल की सुरक्षा के लिए अपना घर छोड़ विस्थापित का जीवन अपना लिया है. यथासंभव सामान व पशुओं के साथ लोगों ने ऊंचे स्थलों पर शरण ले ली है. दर्जनों परिवार महेशबथना सड़क के किनारे प्लास्टिक टांग कर रहने लगे हैं. इन विस्थापितों का कहना है कि गांव में रहना फिलहाल खतरे से खाली नहीं. घरों में बाढ़ का पानी है. सांप-कीड़ा का प्रकोप बढ़ गया है. ऐसे में जान बचाना ही प्राथमिकता है.
जिले के बहादुरगंज प्रखंड के निशंद्रा, महेशबथना सहित दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. अचानक तीन दिनों से लगातार हो हुई मूसलाधार बारिश के कारण जिले की सभी नदियां उफना गयी थी. जिससे आयी बाढ़ ने जिले की दर्जनों सड़कों व पुल-पुलियों को क्षतिग्रस्त कर दिया. खासकर कनकई नदी की तेज धारा ने झींगाकाटा से महेशबथना जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क लगभग 500 फीट टूट गयी है. इस सड़क के टूटने से स्थानीय लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ हैं. इससे ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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महेशबथना सड़क लगभग आधी कट गई है. पानी के तेज धार से सड़कों का कटाव जारी है. जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भी टूट गया है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि कटाव नहीं रोकी गयी तो आवागमन में काफी परेशानी होगी.
बहादुरगंज. भाटाबाड़ी-महेशबथना को जोड़ने वाली सड़क पर बना कलवर्ट बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आवागमन बहाल करने को ले आरईओ वन के द्वारा यातायात बहाल करने के लिए मिट्टी भराई का कार्य करवाया जा रहा है. बाढ से दुर्गापुर, ढीमटोला, बालूस्ती, बेलबाड़ी, निशंद्रा, मुसलडंगा, लौचा, डोरिया, बोचागढ़ी, सतमेढ़ी, तेघरिया, देवरी आदि गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है.