Bihar Weather News: एक से तीन मई तक उत्तर बिहार के इन जिलों में हो सकती है हल्की बारिश
एक मई से तीन मई तक उत्तर बिहार के कई जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र व भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं.
एक मई से तीन मई तक उत्तर बिहार के कई जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र व भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आसमान में हल्के से मध्यम दर्जे के बादल छाये रह सकते हैं.
वर्षा हो सकती है
इस दौरान सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण में वर्षा हो सकती है. हवा की गति तेज रहेगी. मई में अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है़ सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है. औसतन 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है़
कैसा रहा तापमान
शुक्रवार का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम रहा़ न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा़
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वैज्ञानिक का सुझाव
मौसम वैज्ञानिक ए सत्तार ने किसानों के लिए सुझाव दिया है कि तीन मई के आसपास हल्की बूंदाबांदी तथा कुछ स्थानों में मध्यम वर्षा की संभावना को देखते हुए सतर्कता बरतें. गेहूं अरहर तथा रबी मक्के की कटनी और सुखाने का काम सावधानी पूर्वक करें. गेहूं की दौनी कर सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें. फिलहाल खड़ी फसलों में सिंचाई स्थगित रखें.
कीटनाशकों का छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें
कीटनाशकों का छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें. भिंडी की फसल को लीफ हॉपर कीट द्वारा काफी नुकसान होता है़ यह कीट दिखने में सूक्ष्म होता है़ इसके नवजात एवं व्यस्क दोनों पत्तियों पर चिपक कर रस चुसते हैं. प्रकोप दिखाई देने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें.
फसल में माइट कीट की निगरानी करते रहें
भिंडी फसल में माइट कीट की निगरानी करते रहें. प्रकोप दिखाई देने पर इर्थियान 1.5 से 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें. भिंडी, नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू) तथा खीरा की फसल में निकाई गुड़ाई करें. किसान ओल की फसल की रोपाई करें. रोपाई के लिए गजेंद्र किस्म बेहतर है.