बिकरू कांड: गवाह के नहीं पहुंचने से सुनवाई टली, अगली तारीख 5 अप्रैल को

बिकरू कांड में आरोपी श्यामू बाजपेई पर चौबेपुर थाने में पुलिस पर हमला करने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसकी सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में चल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 26, 2022 7:18 PM

Kanpur News: बिकरू कांड में फर्जी सिम मामले की आरोपी खुशी दुबे की सुनवाई न्याय बोर्ड में चल रही है. पिछली तारीख में गवाह को समन जारी किया गया था, लेकिन वह शुक्रवार को भी सुनवाई के दौरान नहीं पहुंचा. इससे फिर से सुनवाई टल गई. अब पांच अप्रैल की अगली तारीख तय की गई है.

विवेचक ने दर्ज कराए बयान

बिकरू कांड में आरोपी श्यामू बाजपेई पर चौबेपुर थाने में पुलिस पर हमला करने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसकी सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में चल रही है. आरोप निर्धारण भी हो चुका है. अब गवाही हो रही है. शुक्रवार को विवेचक संतोष कुमार ने बयान दर्ज कराए हैं. बचाव पक्ष के अधिवक्ता सीपी शुक्ल ने कोर्ट में जिरह की. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 28 मार्च दी है.

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क्या है पूरा मामला

बता दें, 2 जुलाई 2020 की आधी रात 12:45 बजे बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थी. पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. 45 आरोपी जेल में बंद हैं. केस का ट्रायल जारी है.

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बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की कर दी गई थी हत्या 

दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे. घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी. पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उन पर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं. चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर ये सभी फरार हो गए थे, जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल हो गया था.

तीन जुलाई की सुबह से एनकाउंटर शुरू

देश को हिला देने वाली वारदात के बाद तीन जुलाई की सुबह सबसे पहले पुलिस ने विकास के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया. यहीं से एनकाउंटर पर एनकाउंटर शुरू हुआ. इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे को ढेर कर दिया गया. इटावा में प्रवीण दुबे मारा गया. पुलिस कस्टडी से भागने पर पनकी में प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय मिश्रा को ढेर कर दिया गया.

विकास दुबे ने 9 जुलाई को किया सरेंडर

विकास दुबे ने नौ जुलाई की सुबह उज्जैन में नाटकीय ढंग से सरेंडर किया. एसटीएफ की टीम जब उसको कानपुर लेकर आ रही थी तो सचेंडी थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में विकास मार दिया गया. एसटीएफ ने दावा किया था कि गाड़ी पलटने की वजह से विकास पिस्टल लूटकर भागा और गोली चलाई, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया था.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर

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