बिकरु कांड: विकास दुबे की पत्नी से मकान खरीदने वाले ने लिया हाईकोर्ट की शरण, अदालत से की ये अपील

Kanpur News: विकास दुबे की पत्नी ऋचा की शास्त्री नगर मतैयापुरवा स्थित संपत्ति का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस पर प्रशासन ने आज हाईकोर्ट में जवाब और कैविएट दाखिल किया, जिससे स्टे न मिल सके. बता दें कि अभी तक विकास दुबे व उसके करीबी रिश्तेदारों की 12 संपत्तियां सील हो चुकी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2022 12:36 PM

Kanpur News: बिकरु कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी ऋचा से 10 वर्ष पहले मकान खरीदने के बाद भी सीलिंग का खतरा झेल रहे मकान मालिक ने अब हाई कोर्ट की शरण ली है. दरअसल मकान मालिक ने कोर्ट से अपील की है कि सीलिंग के आदेश को निरस्त किया जाए, जिससे उसे राहत मिल सके. इस गुहार के बाद से अब तक हुई अन्य सभी संपत्तियों की सीलिंग की कार्रवाई पर संकट खड़ा हो गया है. दरअसल पुलिस की सिफारिश के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अन्य संपत्तियों के साथ शास्त्री नगर में स्थित 185.61 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के प्लॉट में बने मकान 122/140-222 को सील करने के आदेश जारी किए थे.

पुलिस ने रिपोर्ट में बताया था की यह प्लाट विकास दुबे ने अवैध तरीके से धन अर्जित कर पत्नी ऋचा दुबे के नाम पर काकादेव निवासी राम अवध दुबे से 2010 में 18.56 लाख रु में खरीदी थी. अब इस मकान की अनुमानित 96.27 लाख कीमत है. जानकारी के मुताबिक सीलिंग के आदेश के बाद जब मकान को सील करने अधिकारी पहुंचे तो काबिज परिवार ने 2012 में संपत्ति को ऋचा दुबे के परिवार से खरीदने के दस्तावेज दिखा दिए. इस वजह से अब पुलिस की सभी रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए.

ऋचा की संपत्ति पर प्रशासन करेगा कैविएट दाखिल

विकास दुबे की पत्नी ऋचा की शास्त्री नगर मतैयापुरवा स्थित संपत्ति का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस पर प्रशासन ने आज हाईकोर्ट में जवाब और कैविएट दाखिल किया, जिससे स्टे न मिल सके. बता दें कि अभी तक विकास दुबे व उसके करीबी रिश्तेदारों की 12 संपत्तियां सील हो चुकी है. शास्त्री नगर स्थित मतैयापुरवा की जमीन पर फैक्टरी चल रही है. प्रशासन ने उसे भी सील करने के लिए नोटिस जारी किया था.

इसी बीच फैक्टरी मालिक संजय ने हाईकोर्ट में जमीन को सील करने के खिलाफ अर्जी डाल दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से कार्रवाई को लेकर सवाल किया है. वहीं डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट को प्रशासन की पूरी कार्रवाई से अवगत कराया गया. तहसीलदार बिल्हौर ने खुद जाकर हाईकोर्ट को पूरी स्थिति बताया है और जवाब दाखिल किया इसके साथ ही कैविएट भी दाखिल किया गया है, जिससे स्टे न मिल सके.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

Next Article

Exit mobile version