WB News: केंद्रीय मंत्री जॉन बारला से मिले बिमल गुरुंग, बंगाल में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

बिमल गुरुंग और भाजपा के लोकसभा सदस्य और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला के बीच हुई मुलाकात नये कयासों को हवा दे दी है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बैठक बिमल गुरुंग के भाजपा के साथ पुराने संबंधों को फिर से जीवित करने की कोशिश का स्पष्ट संकेत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2023 11:31 AM
an image

उत्तर बंगाल को अलग राज्य करने की मांग फिर से उठ रही है. इस मांग को लेकर दार्जिलिंग में अजय एडवर्ड्स की हमरो पार्टी, बिमल गुरुंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस से अलग रहे रहे नेता विनय तमांग ने संयुक्त रूप से आवाज बुलंद की है. इसे लेकर उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कर्शियांग की पहाड़ियों में राजनीतिक चर्चा तेज है.

इन सब के बीच बिमल गुरुंग और अलीपुरद्वार निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सदस्य और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला के बीच हुई मुलाकात नये कयासों को हवा दे दी है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह बैठक बिमल गुरुंग के भाजपा के साथ अपने पुराने संबंधों को फिर से जीवित करने की कोशिश का स्पष्ट संकेत है, बल्कि पहाड़ियों में नवगठित तिकड़ी को एक राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन भी देती है.

Also Read: जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग मामले पर बीजेपी ने ममता पर साधा निशाना, कहा- 3 सीटों के लिए क्या मुख्यमंत्री ने मान ली है गोरखालैंड की मांग?

पर्यवेक्षकों के अनुसार, बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय में है, जब नवगठित तिकड़ी अलग गोरखालैंड राज्य के लिए पहाड़ियों में आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

पहाड़ पर स्थायी राजनीतिक समाधान निकाले केंद्र : बिमल

बिमल गुरुंग के अनुसार, वह केंद्रीय मंत्री से मिलने आये थे और उनसे कदम उठाने का अनुरोध करने आये थे, ताकि केंद्र सरकार पहाड़ियों में स्थायी राजनीतिक समाधान के लिए कदम उठाये. गुरुंग ने कहा : हमने पहले भी राज्य सरकार से स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने का यही अनुरोध किया था.

Also Read: GJM नेता बिमल गुरुंग की भाजपा को चेतावनी, कूचबिहार गोलीकांड का अंजाम भुगतना होगा

उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्री से उस प्रक्रिया को शुरू करने का भी अनुरोध किया, जहां केंद्र सरकार दोनों पहाड़ियों के साथ-साथ उत्तरी बंगाल में तराई और डुआर्स क्षेत्रों के मैदानी इलाकों में और गोरखा, राजबंशी और अन्य आदिवासी समुदायों के लोगों के विकास के लिए काम कर सकती है.

गुरुंग के साथ मित्रता जारी रहेगी : बारला

बैठक को बिमल गुरुंग के साथ उनकी लंबे समय से चली आ रही दोस्ती से प्रेरित एक शिष्टाचार भेंट के रूप में वर्णित करने के बावजूद, जॉन बारला ने कहा कि वह आने वाले दिनों में पहाड़ी नेता के साथ एक लंबी समझ की तलाश कर रहे हैं. श्री बारला ने कहा : उनके समर्थन के कारण मैं 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना. उन्होंने मेरे समर्थन में प्रचार किया, जिससे मुझे चुनाव जीतने में मदद मिली. हमारी आपसी मित्रता और सहयोग आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा.

Also Read: बंगाल बीजेपी ने जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग का निकाला काट, राज‍बंशी वोटों से ममता को देगी जवाब
भाजपा व पहाड़ी दलों के बीच नये सिरे से मेलजोल की शुरुआत : विशेषज्ञ

राजनीतिक टिप्पणीकार और उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारतीय राजनीति की विशेषज्ञ निर्मला बनर्जी के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस तरह का विकास वास्तव में अप्रत्याशित नहीं था. उन्होंने कहा : एक तरफ, गुरुंग चाहते हैं कि उनकी पार्टी के साथ-साथ उनके सहयोगियों को भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन और समर्थन मिले.

दूसरी ओर, भाजपा नेतृत्व भी जानता है कि पहाड़ी दलों के समर्थन के बिना वे उत्तर बंगाल में विशेष रूप से दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार निर्वाचन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सीटों को बरकरार नहीं रख पायेंगे. मेरी समझ से यह भाजपा और पहाड़ी दलों के बीच नये सिरे से मेलजोल की शुरुआत है.

Exit mobile version