सिलीगुड़ी : लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष बिमल गुरुंग के तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा के बाद अब ममता बनर्जी के करीबी रहे विनय तमांग भाजपा के करीब आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर तमांग ने जल्द से जल्द पृथक गोरखालैंड की मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाने की अपील की है.
उन्होंने गुरुवार को इस संबंध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी. बिमल गुरुंग ने जब से ममता बनर्जी को समर्थन देने की घोषणा की है, उसके बाद से विनय तमांग नाराज हैं. पहाड़ पर लगातार तमांग और गुरुंग के समर्थकों के बीच विरोध प्रदर्शन के जरिये शक्ति प्रदर्शन हो रहा है. प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा कि पृथक गोरखालैंड की बहुप्रतीक्षित मांग का संवैधानिक समाधान जल्द किया जाना चाहिए.
उन्होंने दार्जीलिंग और कलिम्पोंग जिले के साथ-साथ जलपाईगुड़ी और अलीपुरदुआर के तराई क्षेत्रों में रहने वाले गोरखा समुदाय के साथ न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि उनकी इस मांग को तत्काल पूरा किया जाना चाहिए. तमांग की इस चिट्ठी को भाजपा से करीब आने की कोशिश मानी जा रही है.
Also Read: JP Nadda Bengal Visit: 9 जनवरी को बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, घर-घर से मांगेंगे एक मुट्ठी चावल
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से कुछ महीने पहले, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विनय तमांग की ओर से गोरखाओं के लिए तत्काल ‘संवैधानिक न्याय’ की मांग करके गोरखालैंड को एक बार फिर मुद्दा बना दिया है.
उन्होंने लिखा, ‘गोरखाओं ने अपने स्वयं के एक अलग राज्य की मांग की है, जो पूरी तरह से न्यायसंगत है, क्योंकि दार्जीलिंग क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसे उत्तर-पूर्व से छोड़ दिया गया है, जबकि यह क्षेत्र पूर्वी हिमालय का हिस्सा है और आमतौर पर भूगोल और जलवायु दोनों पूर्वोतर से मिलते हैं.’
तमांग ने लिखा है कि आर्थिक पिछड़ेपन की समग्र स्थिति और लोगों के सांस्कृतिक व्यवहार और पारंपरिक व्यवहार के अलावा उचित बुनियादी ढांचे की कमी के आधार पर, हम आपसे उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास की सुविधा का विस्तार करने के लिए गोरखालैंड की मांग करते हैं. दो पन्नों के पत्र की एक प्रति बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भेजी गयी है.
Posted By : Mithilesh Jha