विस अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने की अपील, जनहित के लिए राज्य सरकार के विधेयकों को जल्द पारित करे राजभवन
विधानसभा सूत्रों के मुताबिक, अब तक राज्य द्वारा भेजे गये 19 विधेयक राजभवन में अटके हुए हैं. हालांकि, राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राजभवन ने राज्य सरकार से 11 विधेयकों पर स्पष्टीकरण मांगा है.
कोलकाता, अमर शक्ति : राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पारित किये गये कई विधेयक राजभवन में लंबित हैं, इसकी वजह से राज्य सरकार व राजभवन के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने राजभवन से जनहित में बिल को जल्द से जल्द अनुमोदन देने की अपील की. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सोचते हैं कि कि राज्यपाल को लोगों के हित में विधेयक पारित कर देना चाहिए.
राज्यपाल को लोगों के हित में कर देना चाहिए विधेयक पारित
उनके पास दो विकल्प हैं. या तो स्वीकृत करें या अस्वीकृत. लेकिन इसे ऐसे ही लंबित कर नहीं रखा जा सकता. हम इस संबंध में लगातार राजभवन के संपर्क में हैं. गौरतलब है कि इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नाराजगी व्यक्त की है. विधानसभा सूत्रों के मुताबिक, अब तक राज्य द्वारा भेजे गये 19 विधेयक राजभवन में अटके हुए हैं. हालांकि, राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राजभवन ने राज्य सरकार से 11 विधेयकों पर स्पष्टीकरण मांगा है.
Also Read: अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि आज, झारखंड के राज्यपाल, सीएम समेत कई मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
कौन-कौन विधेयक हैं लंबित
1) हावड़ा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2021 विधानसभा में पारित किया गया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये और यह अब तक लंबित है.
2) डनलप इंडिया लिमिटेड (अधिग्रहण) विधेयक
3) जेसप इंडिया लिमिटेड (अधिग्रहण) विधेयक
4) पश्चिम बंगाल संपदा अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक, 2017
5) पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018
6) दंड प्रक्रिया संहिता (पश्चिम बंगाल संशोधन) विधेयक 2018
7) पश्चिम बंगाल (लिंचिंग की रोकथाम) विधेयक, 2019
8) पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक
9) पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक
10) पश्चिम बंगाल कृषि विश्वविद्यालय कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक
11) पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक
12) आलिया विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक
13) पश्चिम बंगाल निजी विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक
14) पश्चिम बंगाल कराधान न्यायाधिकरण (संशोधन) विधेयक 2022
15) पश्चिम बंगाल भूमि सुधार और किरायेदारी न्यायाधिकरण (संशोधन) विधेयक 2022
16) कलकत्ता नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022
17) बंगाल किशोर धूम्रपान (निरसन) विधेयक, 2022
18) बंगाल अनाथालय और विधवा गृह (निरसन) विधेयक, 2023
19) पश्चिम बंगाल कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2022
Also Read: राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बयान पर ब्रत्य बसु का कटाक्ष, कहा : सनग्लास को ध्यान से पहने वरना नीचे गिर जाएगा
विधानसभा का विस्तारित मॉनसून सत्र 22 से
राज्य विधानसभा का विस्तारित माॅनसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होगा और यह आठ दिनों तक चलने की संभावना है. विधानसभा के सूत्रों ने यह जानकारी दी. राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि सदन का कामकाज अभी तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विस्तारित मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होगा और अगले सात-आठ दिन तक चलेगा. सदन के कामकाज के बारे में 21 अगस्त को सर्वदलीय और कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों में फैसला किया जायेगा. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में इस बात पर चर्चा हो रही है कि क्या राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से संबंधित मामलों में राजभवन के हस्तक्षेप पर विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. लेकिन अब तक कुछ भी तय नहीं हुआ है. इस मामले पर 21 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में चर्चा की जायेगी. गौरतलब है कि विधानसभा का माॅनसून सत्र 26 जुलाई को शुरू हुआ और अगस्त के पहले सप्ताह तक चला था. विभिन्न ग्राम परिषदों में बोर्ड गठन प्रक्रिया के कारण सदन की कार्यवाही 15 दिनों के लिए स्थगित कर दी गयी थी. इन ग्राम परिषदों में जुलाई में चुनाव हुए थे.
Also Read: धुपगुड़ी विधानसभा सीट जीतने को तृणमूल बेकरार, ममता बनर्जी उपचुनाव में खुद करेंगीं प्रचार
राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में राज्यपाल के हस्तक्षेप के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लायेगी तृणमूल
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. आगामी 22 अगस्त को विधानसभा का विस्तारित माॅनसून सत्र शुरू होने जा रहा है. कुछ दिनों तक स्थगित रहने के बाद सदन की कार्रवाई जब दोबारा शुरू होगी, तो राज्य सरकार की ओर से राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव लाया जायेगा. तृणमूल कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया है कि राज्यपाल ने राजभवन में पश्चिम बंगाल दिवस मनाया, जो आज तक बंगाल में कभी आयोजित नहीं हुआ था. इसी को आधार बनाकर उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है.
Also Read: बंगाल में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई, भांगड़ में बोले राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस
राज्यपाल का राज्य के विभिन्न कार्यों में कथित हस्तक्षेप को लेकर होगी चर्चा
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रारंभिक तौर पर तृणमूल के विधायक और विधानसभा में पार्टी के उप मुख्य सचेतक तापस राय ने इस पर हस्ताक्षर किया है. नियमानुसार, राज्यपाल ही राज्य सरकार के प्रधान होते हैं, इसलिए बजट अभिभाषण में राज्यपाल ””मेरी सरकार”” कहकर संबोधन शुरू करते हैं. ऐसे में राज्यपाल के खिलाफ सरकार की ओर से प्रस्ताव लाया जाना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सूत्रों ने बताया है कि पश्चिम बंगाल दिवस के पालन के बहाने राज्यपाल का राज्य के विभिन्न कार्यों में कथित हस्तक्षेप को लेकर विधानसभा में चर्चा होगी, जो महत्वपूर्ण है.
Also Read: Kolkata: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के नये टेंट का उद्घाटन