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धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का निर्णय, उर्दू-बांग्ला में परीक्षा दी तो होंगे फेल

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद में सितंबर 2022 से होने वाली स्नातक की परीक्षाओं में नन लैंग्वेज पेपर में हिंदी अंग्रेजी को छोड़ अन्य माध्यम में परीक्षा देने वाले छात्र फेल कर दिए जायेंगे. यह निर्णय कुलपति प्रो. सुखदेव भोइ की अध्यक्षता में हुई विवि परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया.

By Rahul Kumar | September 13, 2022 9:38 AM
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Dhanbad Education News : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) ने एक अहम निर्णय लिया है. यह स्टूडेंट्स के साथ-साथ शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय है. विवि का यह निर्णय परीक्षा में सवालों के जवाब लिखने के माध्यम को लेकर लिया गया है. इसे विवि में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. यह निर्णय कुलपति प्रो. सुखदेव भोइ की अध्यक्षता में हुई विवि परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया.

हिंदी-अंग्रेजी भाषा छोड़ दूसरे में परीक्षा दी तो होंगे फेल

विवि की महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक सितंबर 2022 से होने वाली स्नातक की परीक्षाओं में नन लैंग्वेज पेपर में हिंदी या अंग्रेजी को छोड़ अन्य माध्यम में परीक्षा देने वाले छात्र फेल कर दिए जाएंगे. साथ ही अगर किसी शिक्षक ने ऐसी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया तो वह मूल्यांकन कार्य से हमेशा के लिए डीबार कर दिये जायेंगे. इसकी जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल ने बताया कि अगस्त माह तक ली गयी परीक्षाओं में ऐसे विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन विभागाध्यक्ष व संबंधित लैंग्वेज के शिक्षक की देखरेख में कराया जाएगा.

एचओडी और प्राचार्य को मिला अधिकार

यूजी और पीजी के छात्रों को अब परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने कॉलेज के प्राचार्य या विभागाध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी. हालांकि इसके लिए छात्रों को उनके पास जाने की जरूरत नहीं होगी. परीक्षा फॉर्म में इसकी व्यवस्था होगी. परीक्षा विभाग उन्हीं छात्रों का एडमिट कार्ड जारी करेगा, जिन्हें कॉलेज के प्राचार्य या विभागाध्यक्ष एनओसी देंगे. यह एनओसी परीक्षा फॉर्म पर लिया जाएगा. इसके लिए परीक्षा फॉर्म में अलग से कॉलम जोड़ा जाएगा. इस निर्णय पर परीक्षा बोर्ड ने सहमति दे दी है. इस कॉलम को जोड़ने की मांग सभी प्राचार्यों व विभागाध्यक्षों ने की थी, ताकि बकाया रखने वाले या कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से रोक सकें.

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