बीरभूम के तारापीठ स्थित द्वारिका नदी में भी होगी संध्या आरती, तीर्थयात्रियों के लिए होगा आकर्षण का केंद्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में गंगासागर आए तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा था कि तारापीठ, कालीघाट, दक्षिणेश्वर में जिस तरह से देखभाल होती है. ऐसे ही अन्य दिव्य स्थलों पर भी आरती समेत अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके.
बीरभूम, मुकेश तिवारी: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के रामपुरहाट स्थित शक्तिपीठ तारापीठ मंदिर समय-समय पर तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है. इसी बीच एक बार फिर तारापीठ में तीर्थयात्रियों का तांता लगना शुरू हो गया है. बता दें कि तारापीठ में मां तारा मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन द्वारका नदी स्थित मंदिर प्रांगण में अब संध्या आरती की योजना पर काम की जा रही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार दिव्य स्थलों पर संध्या आरती की बात कही है. इसके तहत शक्तिपीठ समेत अन्य दिव्य स्थल तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकेंगे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में गंगासागर आए तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा था कि तारापीठ, कालीघाट, दक्षिणेश्वर में जिस तरह से देखभाल होती है. ऐसे ही अन्य दिव्य स्थलों पर भी आरती समेत अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके. इसके लिए सरकार हल संभव मदद भी करेगी. बता दें कि बीरभूम स्थित तारापीठ उत्तर बहिनी नदी है. बताया जाता है कि यहां मौजूद द्वारका नदी में स्नान करना गंगा स्थान के समान माना जाता है. वहीं, मंदिर प्रबंध में तीर्थयात्रियों के आकर्षण को ध्यान में रखते हुए संध्या आरती के आयोजन पर कार्य में जुटी है.
तारापीठ मंदिर के संचालन कमेटी के अध्यक्ष तारामय मुखोपाधाय ने कहा की हम मुख्यमंत्री के इस सपने को साकार करने और द्वारिका नदी पर संध्या आरती हेतु कार्य पर काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार का सहयोग मिलने से भक्तिमय वातावरण तैयार हो सकेगा. बताया जाता है की आगामी 30 -31 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दो दिवसीय दौरे पर बीरभूम जिले में आ रही है. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तारापीठ मंदिर स्थित द्वारिका नदी पर संध्या आरती को लेकर विशेष रूप से चर्चा कर सकती है. ताकि इस योजना पर जल्द से जल्द कार्य शुरू किया जा सके.