Birbhum Violence Case : पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट एक ब्लॉक के बागतुई नरसंहार मामले की जांच कर रही सीबीआई क्या बागतुई में ही नरसंहार से पहले बम मारकर हुई तृणमूल नेता व बड़शाल ग्राम पंचायत के उप प्रधान भादू शेख की हत्या मामले की जांच भी सीबीआई करेगी. आज सोमवार को इसे लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
बताया जाता है कि गत 21 मार्च की रात बागतुई में भादू शेख की हत्या के बाद दस घरों में आग लगाकर नौ लोगों की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गयी थी. इस नरसंहार को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सीबीआई को सौपा गया था. लेकिन इस निर्देश में तृणमूल के उप प्रधान भादू शेख की हत्या की जांच का स्पष्ट उल्लेख नहीं था .बागतुई मामले से जुड़े जनहित मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक प्रीति कर ने सीबीआई से भादू शेख की हत्या की भी जांच के लिए स्पष्ट निर्देश देने का अनुरोध किया है. इस मामले की सुनवाई आज कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में होने की संभावना है. इस संबंध में एक और आवेदन दिया गया है. यह सुनवाई भी आज हो सकती है.
प्रीति देवी के वकील कौस्तुभ बागची ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते आवेदन जमा किया था. उन्होंने इस मुद्दे को कई बार अदालत में भी उठाया है. आखिरकार सोमवार यानी आज सुनवाई तय की गई है. अधिवक्ता कौस्तुभ के मुताबिक पूरा हंगामा भादू शेख की हत्या से शुरू हुआ था. लेकिन सीबीआई भादू शेख की हत्या की जांच करेगी या नहीं, इस पर हाईकोर्ट के आदेश में कोई खास बयान नहीं आया है.सुनने में नहीं आया कि सीबीआई सीधे भादू शेख की हत्या की जांच कर रही है. हालांकि, बागतुई के मामले की पूरी और गहन जांच के लिए भादू शेख की हत्या की निष्पक्ष और उचित जांच की आवश्यकता है.
कौस्तुभ बागची का कहना है कि अन्यथा बागतुई नरसंहार का संपूर्ण सत्य कभी प्रकट नहीं हो सकता. भादू शेख की हत्या की जांच अभी भी राज्य पुलिस के हाथ में है. कई लोगों का आरोप है कि पुलिस भादू शेख की हत्या के गवाहों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में यह जांच सटीक नही हो पायेगा. इससे बागतुई में नौ लोगों की हत्या का मामला भी स्पष्ट नही हो पायेगा. गौरतलब है कि भादू शेख हत्या मामले में मृतक के परिजनों ने रामपुरहाट थाने में दस लोगों के खिलाफ मामला दायर किया है. पुलिस ने अबतक इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है . जबकि अब भी चार आरोपी फरार है. यदि सीबीआई भादू शेख हत्या मामले की भी जांच करती है तो इस घटना में कई तृणमूल के शीर्ष नेता भी चपेट में आ जा सकते है.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी