बीरभूम हिंसा: ममता बनर्जी के खास अनुव्रत मंडल पर गिर सकती है गाज! जानें कैसे
Birbhum Violence : अनुव्रत मंडल की गिरफ्तारी में अब ज्यादा समय नहीं है. बीरभूम के तृणमूल अध्यक्ष पहले से ही पशु तस्करी मामले में शामिल हैं. वह कोर्ट में जाकर एक के बाद एक सीबीआई के समन से बचने की कोशिश कर रहे हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रामपुरहाट मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है.
Birbhum Violence : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास और बीरभूम जिला के तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष दबंग नेता अनुव्रत मंडल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब तक सीबीआई अनुव्रत मंडल के खिलाफ पशु तस्करी मामले की ही जांच पड़ताल कर रही थी अनुव्रत इस मामले में बार बार बचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन इसी बीच जिले के रामपुरहाट के बागतुई में हुए नरसंहार की घटना में भी अनुव्रत मंडल की मुश्किल बढ़ सकती है. रामपुरहाट ब्लॉक के तृणमूल पार्टी अध्यक्ष अनारूल हुसैन की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई मामले की जांच में अनारूल के फोन ट्रेस से कई खुलासों को सामने आने वाली है.
सीबीआई के समन से बचने की कोशिश
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अनुव्रत मंडल की गिरफ्तारी में अब ज्यादा समय नहीं है. जानकार वर्ग ऐसा सोचते हैं .बीरभूम के तृणमूल अध्यक्ष पहले से ही पशु तस्करी मामले में शामिल हैं. वह कोर्ट में जाकर एक के बाद एक सीबीआई के समन से बचने की कोशिश कर रहे हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रामपुरहाट मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है. विपक्षी दलों ने विधानसभा के बहिष्कार का आह्वान किया था. कहने की जरूरत नहीं है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी की नजर अब केश्टो दा पर होगी.
बरशाल गांव के उप प्रधान भादू शेख की हत्या
संयोग से रामपुरहाट एक नंबर प्रखंड के बरशाल गांव के उप प्रधान भादू शेख की गत सोमवार की रात करीब साढ़े आठ बजे बम से हमला कर हत्या कर दी गयी थी. फिर जैसे-जैसे रात होती गई गांव में तनाव फैल गया. दस घरों में आग लगा दी गयी. बताया जा रहा है कि आग में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. ग्रामीणों ने बताया है कि एक घर में ही 7 लोग थे, जिनमें से प्रत्येक की मौत हो गई थी. बड़ी अशांति से बचने के लिए रात में गांव में पुलिस तैनात कर दी गई थी. इसके बावजूद सवाल उठे कि आखिर इतने घरों में आग कैसे लगी.
रामपुरहाट हत्याकांड की सीबीआई जांच का आदेश
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रामपुरहाट हत्याकांड की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. अदालत ने सीबीआई को त्वरित जांच करने का निर्देश दिया है. छह अप्रैल तक रिपोर्ट देनी है. मामले की अगली सुनवाई उसी दिन है. अदालत ने आगे निर्देश दिया कि राज्य सरकार को केंद्रीय जांच एजेंसी को हर संभव सहायता देनी होगी. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने भी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी का निर्देश दिया है.उच्च न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि राज्य द्वारा गठित एसआईटी (एसआईटी) इस मामले में आगे कोई जांच नहीं कर सकती है. गिरफ्तार आरोपियों को सीबीआई को सौंपना होगा.
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हाईकोर्ट में सभी मामलों की एक साथ सुनवाई
रामपुरहाट के बागतुई गांव में हुई हत्या के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आत्म-अपराध का मामला दायर किया है. वहीं कई जनहित याचिकाएं भी दायर की गईं है. हाईकोर्ट में सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी. इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस या विशेष जांच दल (एसआईटी) को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट के लिए तलब किया था. इतना ही नहीं इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के बाद बीरभूम जिले में हुई हिंसात्मक घटना में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या मामले में भी अनुव्रत मंडल को सीबीआई ने नोटिस भेजा था .इस मामले में भी अनुव्रत मंडल सीबीआई से बचने की कोशिश करते रहे है.
जिरह के लिए सीबीआई ने बुलाया था
हाल ही में अनुव्रत मंडल को कोलकाता निजाम पैलेस में जिरह के लिए सीबीआई ने बुलाया था. सीबीआई के पास अनुव्रत मंडल के खिलाफ पशु तस्करी मामले को लेकर कई तथ्य मिले है.इस मामले में टॉलीवुड के अभिनेता व तृणमूल सांसद देव अधिकारी को भी पशु तस्करी मामले में नोटिस जारी किया गया था. देव को भी फरवरी 15 को निजाम पैलेस के सीबीआई दफ्तर में जिरह के लिए बुलाया गया था. बीरभूम जिले में भी पशुओं के खरीद बिक्री का कई हाट लगता है. यहां से भारी संख्या में मवेशियों यानी गायों की तस्करी बंग्लादेश की जाती है. जिले में मुख्य रूप से इलम बाजार और नानूर में भारी मात्रा में मवेशियों का खरीद फरोख्त होता है.मालूम हो कि राज्य विधानसभा चुनाव के बाद जिले के इलम बाजार के गोपालपुर निवासी भाजपा कर्मी गौरव सरकार की हत्या मामले में भी सीबीआई ने अनुव्रत मंडल को नोटिस भेजा था.
अनुव्रत मंडल कोलकाता पहुंचे थे
इसी बीच सीबीआई के बढ़ते दबाव के बाद अनुव्रत मंडल कोलकाता पहुंचे थे लेकिन अनुव्रत मंडल की तबीयत खराब हो गई. और उन्हें कोलकाता के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था. सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई के पूछताछ के भय से ही अनुव्रत मंडल अस्पताल में भर्ती हो गए थे.
रिपोर्ट-मुकेश तिवारी