बिरसा मुंडा को पूर्व सीएम मधु कोड़ा व सांसद गीता कोड़ा ने किया नमन, बोले-समाज के लिए शहीद हुए थे धरती आबा

सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने देश और समाज को बचाने के लिए अपना जीवन न्योछावर किया था. युवा अवस्था में अंग्रेजों के दमन के खिलाफ आवाज उठायी. आने वाली पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि बिरसा मुंडा ने हम सभी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2023 5:47 AM
an image

बंदगांव: पश्चिमी सिंहभूम जिले के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड के करिका गांव में शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल क्लब की ओर से उत्क्रमित मध्य सह उच्च विद्यालय परिसर में धरती आबा बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनाया गया. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सभी को बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया. सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने देश और समाज को बचाने के लिए अपना जीवन न्योछावर किया था. युवा अवस्था में अंग्रेजों के दमन के खिलाफ आवाज उठायी. अंग्रेजों की बंदूक सेना का सामना अदम्य साहस का परिचय देते हुए तीर-धनुष से किया. अंग्रेजों के दांत खट्टे किए. आने वाली पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि बिरसा मुंडा ने हम सभी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया था.

जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए किया था उलगुलान

समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा को पूरा देश याद कर रहा है. इन्होंने जल, जंगल, जमीन की रक्षा करते हुये अपनी कुर्बानी दी थी. अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था. रांची जेल में 9 जून को उनकी मृत्यु हो गई थी. इस मौके पर झामुमो युवा नेता सन्नी उरांव ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अपना अहम योगदान निभाया. हम सभी भगवान बिरसा मुंडा की शहादत को भुला नहीं सकते.

Also Read: बिरसा मुंडा: 25 साल की छोटी जिंदगी में उलगुलान से कैसे बन गए भगवान?

ये थे मौजूद

इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि पीरु हेम्ब्रम, मुखिया रजनी पुष्पा हेम्ब्रम, चिरपी बोदरा, करम सिंह मुन्डरी, उप प्रमुख सोया हेम्ब्रम, बंदगांव कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जदुराय मुण्डरी, अशिशन हप्तगाडा, मिथुन गागराई, राजेंद्र मेलगांडी, शिव शंकर महतो,दोराय जोंको,पिरु हेम्ब्रेम,विष्णु मुन्डा, जुरा मुन्डा, जाबोर मुन्डा, किनूराम मुन्डा, किनू मुन्डा, नारा मुन्डु, सनिका मुन्डु, बिरसिंह बोदरा, सिरका टोपनो, कान्डे मुन्डा, किशुन राय मुन्डा, बिरा बोदरा आदि उपस्थित थे.

Also Read: झारखंड में एक गांव का नाम था इतना आपत्तिजनक कि बताने में ग्रामीणों को आती थी काफी शर्म, अब ये है नया नाम

Exit mobile version