बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- मुंडा का इतिहास और संस्कृति बहुत बड़ा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद पद्मभूषण कड़िया मुंडा समेत अन्य नेताओं ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आदिवासियों का धर्म सबसे पुराना है. लोग अपनी भाषा और संस्कृति को भूल रहे हैं. हमें इस पर विचार करना चाहिए.
खूंटी, चंदन कुमार : बिरसा मुंडा शहादत दिवस के मौके पर खूंटी के बिरसा कॉलेज बहुउद्दश्यीय भवन में आयाेजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा जीवन पद्धति ही जीवन का सूत्र है. हम आदिकाल से हैं और हम आदि परंपरा को मानने वाले हैं. हमें इस पर गर्व करते हुए विचार करना चाहिए.
मुंडा का इतिहास और संस्कृति बहुत बड़ा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मुंडाओ का इतिहास और संस्कृति बहुत बड़ा रहा है. पर, कई जगह लोग अपनी भाषा और संस्कृति को भूल रहे हैं. हमें इस पर विचार करना चाहिए. जल, जंगल, जमीन, भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए चर्चा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपने आंदोलन से हमें रास्ता दिखाया है. हमें उनके विचारों को नहीं भूलना चाहिए. बिरसा मुंडा के आंदोलन से आदिवासी को बचाए रखने के लिए सीएनटी एक्ट बना. जल, जंगल और जमीन को बचाए रखने के लिए वन अधिकार कानून भी बना है.
आदिवासियों का धर्म सबसे पुराना : पद्मभूषण कड़िया मुंडा
वहीं, पूर्व सांसद पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि हम आदिवासियों का धर्म सबसे पुराना धर्म है. हमारा धर्म आदि धर्म है, पर अब हम इसे भूल रहे हैं. उन्होंने आदिवासी समाज को शिक्षा पर जोर देने और नशापान से दूर रहने का अपील किया. कहा कि समाज के लिए हम सभी को विचार करने की आवश्यकता है. हमारा धर्म सबसे बेहतर है. दूसरे किसी रास्ते पर हमें नहीं चलना चाहिए.
भगवान बिरसा मुंडा को दी गयी श्रद्धांजलि
इससे पहले केंद्रीय मंत्री सहित सभी ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित किया. कार्यक्रम के पहले सत्र में वन रक्षा एवं वन अधिकार पर प्रदान द्वारा जानकारी दिया गया. कार्यक्रम को प्रो डॉ सत्यनाराण मुंडा, सोमा मुंडा, बोध सिंह मुंडा, प्रेमानंद सिंह मुंडा ने भी संबोधित किया. मौके पर एसडीओ अनिकेत सचान, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, भीम सिंह मुंडा, लीलू पहान, संजय मुंडा, महादेव मुंडा, सोमा हस्सा पूर्ति, नौरी पूर्ति, सुदर्शन भोगता, छोटराय मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.