रामगढ़, नीरज अमिताभ : बिशन सिंह बेदी के निधन का समाचार मिलते ही रामगढ़ के खिलाड़ियों में शोक की लहर दौड़ गई. कभी बिशन सिंह बेदी का जोरदार स्वागत करने वाले लोगों ने उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए इसे क्रिकेट जगत के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया. लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. स्व वेदी वर्ष 1981-82 में रामगढ़ आए थे. उस समय रामगढ़ के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया था. रामगढ़ गुरुद्वारा साहिब में समारोह का आयोजन कर इस महान गेंदबाज को सम्मानित किया गया था.
लोकल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच में बेदी आए थे रामगढ़
वर्ष 1981-82 में रामगढ़ के कुछ क्रिकेट प्रेमी युवकों ने रामगढ़ क्रिकेट क्लब का गठन कर एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था. टूर्नामेंट रामगढ़ फुटबॉल मैदान में खेला गया था. इसके फाइनल मैच में बतौर मुख्य अतिथि बिशन सिंह बेदी शामिल हुए थे. उनके साथ मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर रवि चतुर्वेदी वह एकीकृत बिहार के पूर्व क्रिकेट कप्तान दलजीत सिंह भी आए थे. फाइनल मैच जीतने वाली टीम को बिशन सिंह बेदी और अन्य अतिथियों ने सम्मानित किया था.
बिशन सिंह बेदी के साथ आए रवि चतुर्वेदी ने की थी कमेंट्री
इस लोकल टूर्नामेंट में जाने-माने कमेंटेटर रवि चतुर्वेदी ने कुछ देर तक कमेंट्री भी की थी. इसके बाद शाम में रामगढ़ गुरुद्वारा साहिब में समारोह का आयोजन कर बिशन सिंह बेदी को सिख समाज ने सम्मानित किया था. आयोजकों में पीआरसी के तत्कालीन कर्नल राम सिंह, स्व ऋषि शर्मा, इंद्रपाल सिंह सैनी पाले, महावीर अग्रवाल, जसपाल सिंह, संतोष अग्रवाल, बसंत मित्तल, विशाल सिंह आदि शामिल थे.
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उल्लेखनीय है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के देश के महानतम स्पिनर बिशन सिंह बेदी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया. वह 77 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी अंजू, बेटा अंगद और बेटी नेहा हैं. उनके एक करीबी दोस्त ने कहा कि बेदी ने आज सुबह अपने घर पर अंतिम सांस ली. हाल ही में उनके घुटने का ऑपरेशन हुआ था. संक्रमण फैल गया और वह इससे उबर नहीं सके.
1990 में टीम इंडिया के मैनेजर रहे
बेदी का जन्म 1946 में अमृतसर में हुआ था. उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए. उन्होंने पारी में 14 बार पांच विकेट और मैच में एक बार 10 विकेट चटकाने का कारनामा किया. वह भारतीय क्रिकेट के स्पिनरों की उस स्वर्णिम चौकड़ी का हिस्सा थे, जिसमें उनके अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन शामिल थे. वह 1966 और 1978 के बीच एक दशक से अधिक समय तक भारत की गेंदबाजी इकाई का प्रमुख हिस्सा रहे. बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे.