BIT सिंदरी के फर्स्ट ईयर के कई छात्रों ने छोड़ा हॉस्टल, पुलिस लगातार कर रही गश्त
BIT सिंदरी के सीनियर छात्रों के हमले और पथराव की घटना के बाद फर्स्ट ईयर के कई छात्रों ने हॉस्टल छोड़ दिया है. प्रशासन छात्रों को वापस बुलाने के लिए उनसे लगातार संपर्क में है.
BIT सिंदरी में बीते शनिवार व रविवार की रात सीनियर छात्रों के हमले और पथराव की घटना के बाद प्रथम वर्ष के कई छात्रों ने डर से हॉस्टल छोड़ दिया है. बीआइटी प्रशासन छात्रों को वापस बुलाने के लिए उनसे लगातार संपर्क में है, हालांकि छात्र हालात सामान्य होने पर ही परिसर लौटना चाहते हैं. इधर, अनुशासन समिति ने हमले व पथराव की घटना की जांच शुरू कर दी है. छात्रों से पूछताछ की जा रही है.
समिति के हेड डीन वेलफेयर स्टूडेंट्स डॉ उपेंद्र प्रसाद कमेटी के अध्यक्ष हैं. सदस्य सह जनरल वार्डन डॉ राजीव कुमार वर्मा ने बताया कि जांच कमेटी में प्रथम वर्ष के छात्रावास- 10, 11, 22 व 23 के हॉस्टल सुपरिटेंडेंट तथा द्वितीय वर्ष के छात्रावास- 7, 8 व 26 के हॉस्टल सुपरिटेंडेंट भी शामिल किये गये हैं. सभी की उपस्थिति में सोमवार को कुछ छात्रों से पूछताछ की गयी थी. मंगलवार को भी कई छात्रों से पूछताछ हुई. इसी दौरान पता चला कि कई छात्र डर से छात्रावास छोड़कर अन्यत्र चले गये हैं. दरअसल, कमेटी इन छात्रों से भी पूछताछ करना चाहती है. उधर, निदेशक प्रो (डॉ) डीके सिंह ने प्रकरण पर कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जायेगी. तनाव को देखते हुए परिसर में पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है. इस कारण सोमवार की रात कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी. पुलिस पूरी रात पेट्रोलिंग करती रही. संस्थान के कई शिक्षक भी जागते देखे गये. उनकी नजर सेकंड और फर्स्ट इयर के छात्रों के हॉस्टल पर थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हालात सामान्य होने तक परिसर में पेट्रोलिंग जारी रहेगी.
आखिर क्यों बिगड़ा परिसर का माहौल
बीआइटी के कुछ छात्रों ने प्रभात खबर को बताया कि परीक्षा के दौरान फर्स्ट इयर के एक छात्र के अभिभावक परिसर में आये थे. इस दौरान उनकी सेकंड इयर के एक छात्र से किसी बात पर बहस हो गयी. सेकंड इयर का छात्र अभिभावक के व्यवहार से नाराज था. वह फर्स्ट इयर के उस छात्र को सजा देना चाहता था, जिसके अभिभावक ने बहस की थी. परीक्षा समाप्त होते ही यह मुद्दा विस्फोटक हो गया. सेकंड इयर के छात्र जूनियर्स पर उस छात्र को उनके हवाले करने का दबाव बनाने लगे. स्थिति की गंभीरता को देख उस छात्र ने हॉस्टल छोड़ दिया. हालांकि सेकंड इयर के छात्र यह मानने को तैयार नहीं थे. यही वजह है कि सीनियर छात्रों ने लगातार दो रात जूनियर छात्रों के हॉस्टल पर हमला कर उनकी जमकर पिटाई की.
धूमिल हो रही ब्रांड बीआइटी की छवि
प्रभात खबर से बातचीत में प्रथम वर्ष के एक छात्र के अभिभावक ने कहा कि उन्होंने सोचा तक नहीं था कि बीआइटी सिंदरी में ऐसा भी होता है. कुछ माह पहले ही उन्होंने अपने बेटे का नामांकन करवाया था, लेकिन बेटा सोमवार को घर लौट आया. वह काफी डरा-सहमा है. वापस नहीं जाना चाहता है. उन्होंने बताया कि उनके कुछ साथी इसी संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र हैं. उनसे संस्थान के गौरवशाली इतिहास और कैंपस प्लेसमेंट के बारे में पता चला, तो अपने बेटे का नामांकन करा दिया. आज बेटे की स्थिति देखकर वह अपने निर्णय पर अफसोस कर रहे हैं. उन्होंने संस्थान के वर्तमान प्रबंधन समिति से अपील की कि अगर ऐसी घटनाओं को नियंत्रित नहीं किया गया तो उनके जैसे अभिभावक भविष्य में अपने बच्चों को यहां नहीं भेजेंगे. वह प्रबंधन से पूर्ण सुरक्षा की गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. साथ ही, इस घटना के दोषी छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं ‘ब्रांड बीआइटी सिंदरी’ की छवि को धूमिल कर रही हैं.
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