छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी को बताया आरक्षण विरोधी, पूछा- जनगणना क्यों नहीं करा रहा केंद्र
पेश बघेल ने कहा कि बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है. जब अदालत ने पूछा कि राज्य सरकार ने किस आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है, तब ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए गणना की गई.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया है. साथ ही सवाल किया है कि केंद्र सरकार जनगणना क्यों नहीं करा रही. छत्तीसगढ़ के सीनियर कांग्रेस नेता और चीफ मिनिस्टर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की एक लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल है. इससे पता चलता है कि बीजेपी में कितना कलह है. बीजेपी के कैंडिडेट की लिस्ट जारी हो जाए, यह संभव ही नहीं है. लेकिन, ऐसा हुआ. यह सब पार्टी के अंदरूनी कलह का ही नतीजा है. पत्रकारों ने भूपेश बघेल से पूछा कि मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी छत्तीसगढ़ सरकार की सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर सवाल उठा रही है. पूछ रही है कि इस रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है. जब अदालत ने पूछा कि राज्य सरकार ने किस आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है, तब ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए गणना की गई.
छत्तीसगढ़ में 43.5 फीसदी ओबीसी, 3.5 फीसदी ईडब्ल्यूएस
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब गणना कराई गई, तो पाया गया कि राज्य में 43.5 प्रतिशत ओबीसी और 3.5 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस हैं. इसके आधार पर उनके लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया. सीएम ने पूछा कि क्या बीजेपी नहीं मानती कि छत्तीसगढ़ में 43 फीसदी से ज्यादा ओबीसी हैं? अगर उन्हें विश्वास नहीं है, तो वे 2021 की जनगणना क्यों नहीं कराते? जब हम सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कर सकते हैं, बिहार सर्वेक्षण कर सकता है, तो बीजेपी (केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार) ऐसा क्यों नहीं कर सकती.
बीजेपी के 50 उम्मीदवारों की वायरल लिस्ट पर बघेल ने ली चुटकी
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि अगर कांग्रेस की फिर से छत्तीसगढ़ में सरकार बनती है, तो राज्य में बिहार की तरह जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी. बता दें कि शनिवार को सोशल मीडिया पर बीजेपी के लगभग 50 उम्मीदवारों की एक लिस्ट वायरल हो गई थी. इस संबंध में जब सीएम भूपेश बघेल से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह सूची बीजेपी की आंतरिक गुटबाजी का परिणाम है. इसी वजह से यह लिस्ट लीक हुई है. उन्होंने कहा कि यह संभव ही नहीं है कि बीजेपी की सूची लीक हो जाए. यह घटना बताता है कि बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है.
महादेव ऐप को कब बंद करेगी केंद्र सरकार : बघेल
‘महादेव ऑनलाइन बुक’ नामक अवैध सट्टेबाजी ऐप की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि वह इस ऐप को कब बंद करने जा रही है और वह इसकी निष्पक्ष जांच क्यों नहीं करा रही है.
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क्वांटिफायबल डाटा आयोग बनाकर जुटाए आंकड़े
भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने चार सितंबर, 2019 को एक अध्यादेश जारी करके ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी किया गया. कुछ लोगों ने राज्य सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए संबंधित जनसंख्या का आंकड़ा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने ‘क्वांटिफायबल डाटा आयोग’ का गठन कर आंकड़ा जुटाना शुरू किया.
छत्तीसगढ़ में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान
सीएम ने कहा कि ‘क्वांटिफायबल डेटा आयोग’ की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने राज्य में विभिन्न श्रेणियों की आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से संबंधित दो संशोधन विधेयक पेश किए. विधेयक राज्य विधानसभा द्वारा पारित कर दिए गए, लेकिन अभी तक राज्यपाल की सहमति नहीं मिली है. विधेयकों के अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए चार प्रतिशत का प्रावधान किया गया है. इससे राज्य में कुल आरक्षण 76 प्रतिशत हो जाएगा.
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