कांग्रेस की वजह से बंगाल में भाजपा हुई मजबूत, तृणमूल विधायक का दावा
कांग्रेस की वजह से पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी मजबूत हुई है. कांग्रेस ने ममता बनर्जी के खिलाफ प्रचार करके राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को ‘अस्त-व्यस्त’ कर दिया और पश्चिम बंगाल में भाजपा जैसी ‘सांप्रदायिक’ ताकतों के उभरने का मौका दिया.
कोलकाता : कांग्रेस की वजह से पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी मजबूत हुई है. कांग्रेस ने ममता बनर्जी के खिलाफ प्रचार करके राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को ‘अस्त-व्यस्त’ कर दिया और पश्चिम बंगाल में भाजपा जैसी ‘सांप्रदायिक’ ताकतों के उभरने का मौका दिया.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस राय ने शनिवार को यह आरोप लगाया. राज्य के मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक तापस राय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि एक पार्टी के तौर पर केंद्र में कांग्रेस विफल रही.
उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की विफलता की वजह से ‘यह विभाजनकारी ताकत (भाजपा) देश की राजनीति के केंद्र में आ गयी.’ श्री राय ने कहा, ‘बंगाल में ममता विरोधी अंध नीति को अपनाकर प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राज्य की राजनीति को पीछे धकेल दिया है. इस कारण भाजपा जैसी ताकतों का उभार हुआ है.’
भगवा दल पर तीखा प्रहार करते हुए तापस राय ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य की समावेशी प्रकृति और इसके इतिहास को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही है. विधायक ने कहा, ‘नेताजी के बंगाल में वीर सावरकर की स्तुति कर वह राज्य की संस्कृति को विकृत कर रही है.’
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को गुजरात में बदलने का भगवा दल का सपना अधूरा रह जायेगा. विधायक ने कहा कि भाजपा के नेता जिस तरह से राज्य के 10 करोड़ लोगों की ‘अस्मिता’ को आहत कर रहे हैं, उससे इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें ‘करारी हार’ का सामना करना होगा.
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बंगाल को गुजरात बनाने का सपना पूरा नहीं होगा
श्री राय ने कहा, ‘आपका (भाजपा का) बंगाल को गुजरात बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा. पार्टी के केंद्रीय नेता गुजरात से यहां आ रहे हैं, जबकि राज्य के नेता पश्चिमी राज्यों की तर्ज पर ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की बात कर रहे हैं. आप किस गुजरात की बात करते हैं? उस गुजरात की जहां कुछ वर्ष पहले तीन दिन के अंदर दो हजार लोगों का कत्लेआम कर दिया गया.’
दोनों राज्यों की तुलना करते हुए बारानगर के विधायक ने हाल के राष्ट्रीय अपराध आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रति एक लाख की आबादी पर कोलकाता में 32 अपराध होते हैं, जबकि अहमदाबाद में 54 अपराध होते हैं. श्री राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 98 हजार स्कूल हैं, जबकि गुजरात में 55 हजार स्कूल हैं.
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बैंक का लोन नहीं चुकाने वाला हर बड़ा आदमी गुजरात से
उन्होंने कहा कि ग्रामीण बंगाल में महिला साक्षरता दर 73 फीसदी है, जबकि गुजरात में यह 68 फीसदी है. भाजपा के केंद्रीय नेता गुजरात से हैं और उन्हें दोनों राज्यों के बीच तुलना करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इस तथ्य का भी संज्ञान लीजिए कि बैंक का ऋण नहीं चुकाने वाले सभी बड़े व्यक्ति गुजरात से ही हैं.’
ममता की वफादार हैं शताब्दी रॉय
पार्टी के खिलाफ शुक्रवार को असंतोष जाहिर करने वाली टीएमसी नेता शताब्दी रॉय के बारे में पूछने पर मंत्री ने कहा, ‘वह पार्टी के लिए काफी महत्व रखती हैं. वह हमेशा पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के प्रति वफादार रही हैं.’
Posted By : Mithilesh Jha