रांची : भाजपा के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं है़ संगठन में गुटों के बीच खेमाबंदी है़ पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा घोषित जिलाध्यक्षों को लेकर अंतर्कलह है़ नये जिलाध्यक्ष के खिलाफ संगठन के अंदर ही मोरचाबंदी है़ कई जिला में सांसद-विधायक के पसंद के जिलाध्यक्ष नहीं बनाये जाने के कारण संगठन से नाराजगी है़
पूरे प्रदेश में 10 से 12 जिलोें में संगठन के अंदर विवाद सुलग रहे है़ं नये जिलाध्यक्ष को कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे है़ं प्रदेश के बड़े नेता भी हवा दे रहे है़ं हजारीबाग, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, लोहरदगा, जमशेदुपर, बोकारो, धनबाद सहित कई जिलों में आपसी तानातनी है़ हजारीबाग में बनाये गये जिलाध्यक्ष से स्थानीय संगठन में विवाद है़ हजारीबाग से प्रदेश के एक बड़े नेता इस नाम पर सहमत नहीं थे़
वहीं लातेहार में विधानसभा की दोनों सीटें आरक्षित है़ं लातेहार में गैर आदिवासी चेहरा जिलाध्यक्ष बनाये जाने की मांग हो रही है़ हरेकृष्ण सिंह को अध्यक्ष बनाये जाने से पार्टी का एक खेमा नाराज है़ लोहरदगा में भी जिलाध्यक्ष के चयन के बाद सांसद की नाराजगी है़ सरायकेला-खरसावां में विजय महतो को जिलाध्यक्ष बनाया गया है़ प्रदेश के कद्दावर नेता के नजदीक माने जाने वाले नाम को दरकिनार किया गया़ सरायकेला-खरसावां में पार्टी के अंदरखाने विरोध का स्वर है़
बोकारो में भरत यादव का भी विरोध हो रहा है़ विधायक व सांसद दोनाें की पसंद नहीं है़ं इधर धनबाद में जिलाध्यक्ष बदले को लेकर कार्यकर्ता प्लाॅट तैयार कर रहे थे़ लेकिन जिलाध्यक्ष को बरकरार रखा गया़ जमशेदपुर में भी प्रदेश के एक बड़े नेता के करीबी को हटाकर दूसरे को मौका दिया गया है़ इसके खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की गोलबंदी है़ खूंटी, गुमला सहित दूसरे जिले में विरोध के स्वर प्रदेश के नेताओं के सामने निकलते रहे है़ं इधर भाजपा में झाविमो के विलय के बाद बाबूलाल खेमा से भी कई जिले में दावेदारी थी़ संगठन में बाबूलाल मरांडी के नजदीकी लोगों को एडजस्ट नहीं किया गया़
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कई जिलों में बढ़ रहा है अंतर्कलह, पार्टी के सांसद-विधायक भी चयन से हैं नाराज
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जिलाध्यक्ष के खिलाफ सुलगी बगावत की आग
पलामू-दुमका होल्ड में, रास्ता काट रहे नेता : प्रदेश नेतृत्व ने पलामू व दुमका में अब तक जिलाध्यक्ष का चयन नहीं किया है़ दोनों ही जगहों पर संगठन के अंदर नेता ही एक दूसरे का रास्ता काट रहे है़ं पलामू में नरेंद्र पांडेय के नाम पर राय सुमारी में सहमति बनी थी, लेकिन पार्टी ने इस पर फैसला नहीं लिया़ नरेंद्र पांडेय के नाम पर पूर्व मंत्री व विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी का विरोध था़ श्री चंद्रवंशी ने प्रदेश नेतृत्व से शिकायत की थी कि श्री पांडेय चुनाव में उनके विरोध काम किया था़
संतालपरगना से आदिवासी चेहरा को मौका नहीं : प्रदेश कमेटी में संतालपरगना से अब तक किसी आदिवासी चेहरा को मौका नहीं मिला है़ प्रदेश कमेटी में दक्षिणी व उत्तरी छोटानागपुर से आदिवासी चेहरा शामिल है़ं दक्षिणी छोटानागपुर से सबसे ज्यादा आदिवासी नेताओं को पदाधिकारी बनाया गया, लेकिन संतालपरगना में किसी भी नेता को कोर टीम में मौका नहीं मिला है़ प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश व विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भरोसा दिलाया था कि जल्द ही दो नये आदिवासी चेहरे कमेटी में शामिल किये जायेंगे़
Post by : Pritish Sahay